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भोपाल, 23 मई (हि.स.)। वैशाख मास की पूर्णिमा गुरुवार को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा के रूप में उत्साह के साथ मनाई गई। इस दौरान शाम को विशाखा नक्षत्र से आगे बढ़ने के बाद चंद्रमा सूरज ढलते ही पूर्वी आकाश में लालिमा के साथ एक बड़े गोले के रूप में उदित हुआ। प्रारंभ में कुछ स्थानों पर बादल बाधा बने, लेकिन उसके बाद जैसे-जैसे आकाश में उपर आता गया, इसकी चमक बढ़ती गई।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने उचित होते चंद्रमा के फोटो शेयर किये गए हैं। उन्होंने इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बुद्धपूर्णिमा के चंद्रमा को फ्लावर मून नाम दिया गया है। पृथ्वी से लगभग तीन लाख 90 हजार 950 किलोमीटर दूरी पर रहते हुए यह अपनी सौ प्रतिशत चमक के साथ चमक रहा था। वैशाख नक्षत्र में होने के कारण भारत में इसे वैशाखी पूर्णिमा नाम दिया गया तो पश्चिमी देशों में वहां इस समय खिलने वाले फूलों के आधार पर इसे फ्लावर मून नाम दिया गया। बुद्ध पूर्णिमा का यह चंद्रमा रात में चांदनी बिखेरने के बाद सुबह सवेरे पश्चिम दिशा में अस्त होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात