चुनावों के दौरान 'अग्निपथ योजना' पर सवालों के बीच सेना का आंतरिक सर्वेक्षण
तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए दो साल पहले शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ पर लोकसभा चुनावों के दौरान उठ रहे सवालों के बीच सेना एक आंतरिक सर्वेक्षण कर रही है।
अग्निपथ योजना

- अग्निवीरों, भर्ती अधिकारियों, यूनिट कमांडरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया

- संभावित बदलावों पर अगली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार कर सकती है सेना

नई दिल्ली, 23 मई (हि.स.)। तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए दो साल पहले शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ पर लोकसभा चुनावों के दौरान उठ रहे सवालों के बीच सेना एक आंतरिक सर्वेक्षण कर रही है। इसके आधार पर वह योजना में संभावित बदलावों पर आने वाली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार कर सकती है। सेना ने विभिन्न रेजिमेंटल केंद्रों में भर्ती और प्रशिक्षण कर्मचारियों, यूनिट और सब यूनिट कमांडरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया है।

सरकार ने सैनिकों, वायुसैनिकों और नाविकों की भर्ती 'अग्निवीरों' के रूप में करने के लिए जून, 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। योजना के तहत चार साल तक सेवा देने के बाद 75 फीसदी अग्निवीरों को कार्यमुक्त करके 25 फीसदी अग्निवीरों की स्थाई नियुक्ति की जानी है। लॉन्च होने के बाद से ही इस योजना ने खासकर राजनीतिक हलकों में काफी बहस छेड़ दी है। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्षी गठबंधन ने इस योजना को समाप्त करके पहले की सैन्य भर्ती प्रक्रिया पर लौटने का ऐलान किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चुनावी सभाओं में कहा है कि सरकार जरूरत पड़ने पर 'अग्निपथ योजना' में बदलाव के लिए तैयार है, लेकिन अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाले युवाओं के भविष्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

इस बीच सेना अपनी भर्ती प्रक्रिया पर अब तक के प्रभाव का आकलन करने के लिए 'अग्निपथ योजना' पर एक आंतरिक सर्वेक्षण कर रही है। अधिकारियों के अनुसार सेना के विभिन्न रेजिमेंटल केंद्रों में भर्ती और प्रशिक्षण कर्मचारियों, यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। यह सर्वेक्षण 10 सवालों पर आधारित है, जिसमें भर्ती और प्रशिक्षण कर्मचारियों को योजना के क्रियान्वयन के बाद सेना में भर्ती पर पड़ने वाले समग्र प्रभाव के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी देना होगा। सर्वेक्षण का मूल्यांकन करने के लिए इस महीने के अंत तक सभी सवालों के जवाब एक साथ वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के समक्ष रखे जाएंगे। इन विवरणों के आधार पर सेना ‘अग्निपथ योजना’ में संभावित बदलावों पर आने वाली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार कर सकती है।

सर्वेक्षण में अग्निवीरों से यह भी पूछा जाएगा कि उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला क्यों किया, अग्निवीर के रूप में शामिल होने से पहले उन्होंने कौन-सी अन्य नौकरियां, प्रतियोगिताएं या भर्ती की कोशिश की। क्या उन्हें लगता है कि उन्हें सेना में स्थायी रूप से शामिल किया जाना चाहिए। वे चार साल बाद अपने पसंदीदा करियर या अन्य विकल्पों के बारे में भी जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि क्या वे यहीं रहकर सेना में सेवा करना पसंद करेंगे या अर्धसैनिक बलों सहित अन्य जगहों पर नौकरी के अवसर तलाशेंगे। सर्वेक्षण में उनसे यह जानने की कोशिश की जाएगी कि क्या वे अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को अग्निवीर के रूप में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम