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जोधपुर, 02 मई (हि.स.)। सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती ने एमएनआईआईटी इलाहाबाद के टेक्नो फेस्ट को संबोधित करते हुए युवाओं को जेंडर के डर और भेद को मिटाकर शोषण मुक्त समाज का निर्माण करने का आह्वान किया।
डॉ. कृति भारती ने देश के विभिन्न आईआईटी के प्रतिभागियों की मौजूदगी में कार्यक्रम को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि बच्चियों के जन्म के साथ ही जेंडर का डर जन्म ले लेता है। फिर जैसे जैसे बच्चियां बड़ी होती है ये जेंडर का डर बढ़ता जाता है। बाद में यही जेंडर का डर छेड़छाड़, यौन शौषण, बाल विवाह, दहेज का विकराल रूप ले लेता है। डॉ. कृति ने विरोध और एडजस्टमेंट के बारे में कहा कि बेटियों को खुद यह सीमा निर्धारित करनी होगी कि किस स्तर तक एडजस्टमेंट किया जाना है और उसके बाद विरोध मुखर करना है। विडंबना यह है कि महिलाएं जहां एडजस्टमेंट करना होता है, वहां तो विरोध कर देती है। वहीं जहां विरोध करना होता है, उस परिस्थिति में एडजस्टमेंट करके शोषण की शिकार होती है।
डॉ. कृति भारती ने एमएनआईआईटी के स्पेशल सेगमेंट जीएनओ टॉक में खुद के बचपन के संघर्ष के बाहर निकल कर सेवियर बनने तक का सफर बताया। इस दौरान कार्यक्रम में विश्व की सबसे यंग मैजिशियन और मेंटलिस्ट सुहानी शाह, ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के एमएस बिट्टा, कॉमेडियन राकेश अदलखा और रिटायर्ड आईएएस विवेक आत्रे बतौर अतिथि मौजूद रहे। वहीं एमएनआईआइटी के डीन प्रो. लक्ष्मीकांत मिश्रा, प्रो. एमएम गोरे, प्रो.एचएस गोयल, प्रो.असीम मुखर्जी व अन्य प्रोफेसर मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप