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हरिद्वार, 15 मई (हि.स.)। उत्तरी हरिद्वार में एक बार फिर मृत साधु के शव को गंगा में जलसमाधि दिए जाने का मामला सामने आया है। जिला गंगा संरक्षण समिति के सदस्य रामेश्वर गौड़ के सूचना दिए जाने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को गंगा से बाहर निकलवाया। पुलिस ने जल समाधि दे रहे लोगों को नियमों की जानकारी दी और शव को अंतिम संस्कार हेतु शमशान पर भिजवाया।
मथुरा से कुछ लोग एंबुलेंस में एक साधु का शव लेकर हरिद्वार पहुंचे और ठोकर नंबर 4 व 5 के बीच शव को गंगा में जल समाधि देने लगे। घाट पर रहने वाले लोगों ने उन्हें मना किया लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं सुनी और शव को गंगा में डालकर जाने लगे। लोगों ने जिला गंगा संरक्षण समिति के सदस्य रामेश्वर गौड़ को सूचना दी। रामेश्वर गौड़ की सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को शव लेकर आये एंबुलेंस चालक पवन निवासी सरस्वती कुंड सराय आजमाबाद जयसिंहपुरा मथुरा तथा अन्य ने बताया कि उन्होंने मृत साधु की इच्छा के अनुरूप उन्हें गंगा में जल समाधि दी है। पुलिस ने इन लोगों को बताया कि एनजीटी के नियमों के अनुसार गंगा में जलसमाधि नहीं दी जा सकती है और ऐसा करना कानूनन अपराध है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी देते हुए शव को गंगा से बाहर निकलवाया तथा शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान पर भिजवाया।
जिला गंगा सरंक्षण समिति के सदस्य रामेश्वर गौड़ ने बताया कि एनजीटी के नियमानुसार गंगा में शव को जल समाधि देना कानूनी अपराध है। इसके बावजूद लोग रात में जल समाधि देकर चले जाते हैं। गंगा में पड़े शव के सड़ने से गंगा प्रदूषित होती है। गंगा संरक्षण समिति के प्रयासों से जल समाधि दिए जाने से रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पूर्व भी हरियाणा के कुछ लोगों द्वारा एक साधु को जलसमाधि देने का मामला सामने आया था। जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को गंगा से बाहर निकलवाकर वापस भिजवाया था।
हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/वीरेन्द्र