चूहे डकार रहे हितग्राहियों का चावल, दुकान संचालको के लिए बना सिर दर्द
रायगढ़ , 30 अप्रैल (हि.स.)। रायगढ़ जिले में कई ऐसे जरूरतमंद हितग्राही हैं, जो हर माह राशन दुकानों से च
चूहे डकार रहे हितग्राहियों का चावल, दुकान संचालको के लिए बना सिर दर्द


रायगढ़ , 30 अप्रैल (हि.स.)। रायगढ़ जिले में कई ऐसे जरूरतमंद हितग्राही हैं, जो हर माह राशन दुकानों से चावल लेते हैं और अपना व अपने परिवार का पेट भरते हैं। ऐसे में शासन द्वारा कई टन चावल राशन दुकानों में वितरण के लिए दिया जाता है, लेकिन पिछले लंबे समय से चूहे इन दुकान संचालको के लिए समस्या बने हैं और हर दिन राशन दुकानों में कई किलो चावल खाकर वे अपना भेट भर रहे हैं। जिसका सीधा नुकसान राशन दुकान संचालको को हो रहा है।

जिले में करीब 600 से अधिक और शहर में लगभग 50 राशन दुकान संचालित हो रहे हैं। इन राशन दुकानों की अगर बात किया जाए, तो करीब हर संचालक यहां चूहो से परेशान है। कई टन चावल सभी राशन दुकान में हर माह आता है। ऐसे में एक भी चूहा यहां पहुंचता है तो उसे खाने के लिए पूरा का पूरा खजाना मिल जाता है। ऐसे में धीरे - धीरे चूहों की पूरी फौज राशन दुकानों तक पहुंच जाती है और उसके बाद सरकारी चावलों को बड़ी ही आसानी से डकार जाते हैं। माह भर में हितग्राहियों के वितरण के लिए आया कई किलो चावलों को चूहे चट कर जाते हैं। बाद में संचालकों को वह चावल शार्टेज भी मिलते हैं। अब यह किसी एक राशन दुकान की बात नहीं है। बल्कि लगभग हर राशन दुकानों का यही हाल है। ऐसे में लंबे समय से चूहे राशन दुकान संचालकों के लिए सिर दर्द बन रहे हैं।

इस संबंध में राशन विक्रेता संघ के प्रशांत सिंह ने बताया कि चूहों के कारण सभी राशन दुकानों में चावल के साथ बारदाने का भी नुकसान होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। लगभग बीस प्रतिशत बरदानों का नुकसान होता है क्योंकि दो से तीन माह में इसका उठाव होता है और तब तक चूहे कई बारदानों को कुतर देते हैं। साथ ही चावल शार्टेज की भी समस्या बने रहती है।

वहीं ग्राम उचभिट्ठी राशन दुकान के संचालक दीपक मेहता ने बताया कि चूहों के कारण राशन दुकानों में समस्या बनी हुई है। हर दुकान में चावल व बारदाने का शार्टेज हो जाता है। जिसकी भरपाई दुकान संचालको को करनी पड़ती है। राशन दुकानों में चूहों के बिल आसानी से देखे जा सकते हैं। हर माह की समस्या है।

हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान / गेवेन्द्र