रायपुर : बर्खास्त पूर्व आईपीएस जीपी सिंह को बड़ी राहत, कैट ने दिए सभी मामले में बहाली के आदेश
रायपुर, 30 अप्रैल (हि.स.)। बर्खास्त पूर्व आईपीएस जीपी सिंह को कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्याधिकरण) से
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रायपुर, 30 अप्रैल (हि.स.)। बर्खास्त पूर्व आईपीएस जीपी सिंह को कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्याधिकरण) से बड़ी राहत मिली है।

कैट ने चार हफ्तों के भीतर जीपी सिंह से जुड़े मामलों के निराकरण कर बहाल किए जाने का आदेश जारी किया है। वर्ष 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह को राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल जुलाई के महीने में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। केंद्र सरकार की अनुशंसा पर जीपी सिंह को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया था।

कांग्रेस सरकार ने दर्ज किया था राजद्रोह का केस - राज्य की पिछली भूपेश सरकार ने 5 जुलाई 2023 को उन्हें सस्पेंड कर 8 जुलाई को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था। राज्य सरकार की सिफारिश पर 10 महीने बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिंह को बर्खास्त कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को आईपीएस जीपी सिंह को फोर्सली रिटायर कर दिया था। उस समय जीपी सिंह की सेवा के 8 साल शेष बचे थे। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ से अधिक के सम्पत्ति का ब्यौरा मिला था। इसके साथ ही सरकार गिराने की साजिश पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनी थी।

2022 में जमानत- एंटी करप्शन ब्यूरो ने जुलाई 2021 में जीपी सिंह के रायपुर स्थित पुलिस लाइन के सरकारी बंगले, राजनादगांव और ओडिशा के 15 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति के साथ ही कई संवेदनशील कागजात भी मिले थे। एक डायरी भी मिली थी। जिसे लेकर सियासी गलियारे में काफी बवाल मचा था।इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया था। मामले में 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी। इसमें सीबीआई जांच की मांग की थी। 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें में साल 2022 में जमानत मिल गई थी। प्रशासनिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि जीपी सिंह फिर से ड्यूटी ज्वॉइन कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद/केशव