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कोलकाता, 29 अप्रैल (हि.स.) । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कसबा इलाके में भाजपा की महिला नेता सरस्वती सरकार पर हमला मामले में आखिरकार कोलकाता पुलिस पीछे हट गई है। भारतीय जनता पार्टी की दक्षिण कोलकाता उम्मीदवार देवश्री चौधरी के नेतृत्व में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से पुलिस ने अब हमला करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह जानकारी भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने दी है। उन्होंने सोमवार सुबह माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा है, कसबा (दक्षिण कोलकाता में) में लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद आखिरकार कोलकाता पुलिस पीछे हटी है। स्थानीय टीएमसी पार्षद सुशांत घोष के गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गैर जमानती आरोपों का वादा किया, जिन्होंने भाजपा मंडल अध्यक्ष सरस्वती सरकार और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। उन्हें (पुलिस को) अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए रात के अंधेरे में ऐसा करना पड़ा, यह दर्शाता है कि ममता बनर्जी को खुश करने को लेकर कोलकाता पुलिस किस तरह के राजनीतिक दबाव में है।
कोलकाता पुलिस के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करने की चेतावनी देते हुए अमित मालवीय ने कहा है कि अगर कोलकाता पुलिस अपनी प्रतिबद्धता पर अमल नहीं करती है, तो हम चुनाव आयोग का रुख करेंगे और अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। यह एक ऐसी लड़ाई है जिसे खत्म करना है। तृणमूल को जाना होगा। बंगाल अब इस तरह की हिंसा की राजनीति को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते सरस्वती पर तृणमूल के लोगों ने हमले किए थे जिसकी वजह से उनकी सेहत बहुत बिगड़ गई थी। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। रविवार को उनकी तबीयत और अधिक बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें रूबी स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती किया गया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी रविवार को उनसे बात की थी। ईरानी ने कहा था कि जब कोलकाता में हिंसा की यह स्थिति है तो बंगाल के बाकी हिस्सों में कितनी दयनीय स्थिति होगी, यह सोचा जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश