नेपाल के उपचुनाव में ओली का दबदबा, एक पर जीत और दूसरे में जीत के करीब
काठमांडू, 29 अप्रैल (हि.स.)। नेपाल के एक संसदीय और एक प्रादेशिक सभा सदस्य के लिए हुए उपचुनाव में केप
नेपाल के उपचुनाव में ओली का दबदबा, एक पर जीत और दूसरे में जीत के करीब


काठमांडू, 29 अप्रैल (हि.स.)। नेपाल के एक संसदीय और एक प्रादेशिक सभा सदस्य के लिए हुए उपचुनाव में केपी शर्मा ओली की पार्टी नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी एमाले का दबदबा कायम है। प्रादेशिक सभा में एमाले को जीत हासिल हो चुकी है जबकि संसदीय उपचुनाव में एमाले उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

सुदूर पश्चिम प्रदेश सभा की एक रिक्त सीट पर हुए उपचुनाव में एमाले के उम्मीदवार दमन भण्डारी ने 267 वोट से जीत हासिल की है। इस तरह कड़े मुकाबले में दमन भण्डारी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक बहादुर सिंह को बहुत ही कम वोट से हराने में कामयाब रहे। यह सीट नेपाली कांग्रेस के प्रदेश सभा सदस्य की मौत के बाद रिक्त हुई थी। कांग्रेस ने अपने दिवंगत नेता के पुत्र को चुनावी मैदान में उतारकर सहानुभूति वोट से जीत की उम्मीद कर रही थी लेकिन सत्तारूढ़ गठबन्धन की तरफ से तीन तीन उम्मीदवार होने के बावजूद एमाले ने जीत दर्ज की है। माओवादी सहित सत्तारूढ़ दल के बाकी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।

इलाम में हुए उपचुनाव की मतगणना फिलहाल जारी है। यहां एमाले के उम्मीदवार सुहांग नेम्बांग अपने निकटतम उम्मीदवार नेपाली कांग्रेस के डम्बर खड्का से करीब 6 हजार वोटों से आगे हैं। हालांकि चुनाव का परिणाम आने में अभी कुछ घंटे और लगने वाले हैं लेकिन जिस तरह से प्रारम्भ से ही एमाले उम्मीदवार ने बढ़त बना कर रखी है और मतों का अंतर बढ़ता जा रहा है, उससे जीत लगभग तय मानी जा रही है। इस सीट से सत्तारूढ़ गठबन्धन के दो अन्य दलों ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष और देश के उपप्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री रवि लामिछाने एक हफ्ते से अधिक रह कर अपने उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार कर जीत का दावा किया था, इसके बावजूद उनके उम्मीदवार मिलन लिम्बू को अब तक गिने जा चुके 50 हजार वोट में सिर्फ तीन हजार वोट मिले हैं।

इलाम का निर्वाचन क्षेत्र केपी ओली का गृह जिला झापा है और यह चुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय था। अपने बेहद करीबी और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुभाष नेम्बांग के निधन के बाद उनके बेटे सुहांग को टिकट देकर उसके चुनाव प्रचार की कमान खुद अपने हाथों में ली थी। एमाले की जीत के बाद अब नेपाल की राजनीति में फिर से एक नई लहर आने की चर्चा जोरों पर है।

हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज दास/दधिबल