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मुरैना, 28 अप्रैल (हि.स.)। उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को मध्य प्रदेश के मुरैना में चुनावी सभा में भाजपा और कांग्रेस को एक बताया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में चार बार बसपा के नेतृत्व में सरकार बनी। जब चौथी बार अकेले बलबूते हमारी सरकारी बनी तब कांग्रेस, भाजपा और दूसरी जातिवादी पार्टियों ने एक होकर बसपा को कमजोर करने के लिए रास्ता निकाला। इन्होंने स्वार्थी और बिकाऊ किस्म के लोगों को तोड़ा। इन्हें आगे कर छोटे संगठन बनवा दिए और बसपा के मुकाबले में ले आए।
शहर के मेला मैदान में आयोजित सभा में मायावती ने ग्वालियर, मुरैना और भिंड लोकसभा से बसपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में भी एक-दो ऐसे स्वार्थी और बिकाऊ लोग हैं, जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा का मकसद पूरा किया। जब लगा कि बसपा कमजोर हो गई तब कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा का दामन थाम लिया। इनसे सावधान रहना है। उन्होंने कहा कि ये बीमारी उत्तरप्रदेश में भी है।जहां बसपा मजबूत है, वहां विरोधी पार्टियां इस तरह का षड्यंत्र रच रही हैं।
मायावती ने कहा कि आजादी के बाद केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में सत्ता कांग्रेस के हाथ में केंद्रित रही है। दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग विरोधी गलत नीति और कार्यप्रणाली की वजह से कांग्रेस को केंद्र और कई राज्यों की सत्ता से भी बाहर होना पड़ा है। यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टी की भी रही। इस कारण ही फिर बसपा को बनाने की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि भाजपा और इसके सहयोगी दल केंद्र और अधिकांश राज्यों की सत्ता में काबिज हो गए हैं। इनकी जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण, सांप्रदायिक और द्वेषपूर्ण नीतियां हैं। कथनी-करनी में अंतर है। अब ऐसा लगता है कि इस बार भाजपा केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है, बशर्ते चुनाव फ्री एंड फेयर हो, मशीन में गड़बड़ी नहीं की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/ केशव दुबे/मुकेश/वीरेन्द्र