पर्यावरणविद जंगली के मिश्रित वन में खिले बेश कीमती चिनार
-दास सेवा मंडल के प्रकृति सेवकों की मेहनत लाई रंग रुद्रप्रयाग, 28 अप्रैल (हि.स.)। बाबा केदारनाथ दास
मिश्रित वन में खिला चिनार का वृक्ष।


-दास सेवा मंडल के प्रकृति सेवकों की मेहनत लाई रंग

रुद्रप्रयाग, 28 अप्रैल (हि.स.)। बाबा केदारनाथ दास सेवा मंडल अगस्त्यमुनि के प्रकृति सेवकों की ओर से पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली के मिश्रित वन में लगाये गये बेश कीमती चिनार का वृक्ष बेहतरीन उपज के साथ खिल उठे हैं।

चिनार का वृक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ ही आर्थिकी का जरिया भी है। इसकी चौड़ी और सुंदर पत्तियां अधिक मात्रा में ऑक्सीजन को रिलीज करके कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित करती हैं। इसके साथ ही जैव-विविधता निर्माण व पर्यावरणीय सुंदरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेन्द्र बद्री ने बताया कि चिनार के वृक्ष कश्मीर में सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाला यह वृक्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण है। बाबा केदारनाथ दास सेवा मंडल अगस्त्यमुनि के प्रकृति सेवकों ने प्रयोग के तौर पर दस चिनार के वृक्ष प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली के मिश्रित वन में लगाये थे। जो बेहतरीन उपज के साथ खिल रहे हैं। चिनार वृक्ष की उपज को देखकर दास सेवा मंडल सेवकों के चेहरे भी खिल उठे हैं।

देव राघवेन्द्र ने बताया कि जैव विविधता पूरक जंगल लगाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। मिश्रित चौड़ी पत्ती के वृक्षों से वांछित वनों का निर्माण होता है। इसे अत्यधिक मात्रा में लगाये जाने से वनाग्नि का खतरा नहीं रहता है और जैव-विविधता के निर्माण में भी मजबूती मिलती है। उन्होंने बताया कि चिनार का वृक्ष जल संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे भविष्य की पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ और मजबूत पर्यावरण का निर्माण होगा। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

/रामानुज