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रांची, 28 अप्रैल (हि.स.)। झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग ने विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस पर रविवार को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विमल किशोर ने बौद्धिक संपदा के महत्व पर प्रकाश डाला।
किशोर ने कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का उद्देश्य लोगों को पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और अन्य बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे इस मूल्यवान संपदा को समझें और संरक्षित करें। वर्ष 2024 की थीम पर चर्चा करते हुए शिक्षा स्कूल के डीन, प्रोफेसर तपन कुमार बसंतिया ने कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे हम समझ सकते हैं कि बौद्धिक संपदा कैसे नवाचारिक और रचनात्मक समाधानों को प्रोत्साहित करती है और एक साझा भविष्य के निर्माण में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शिक्षा विभाग के ही अन्य प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों और शोधार्थियों के जीवन में बौद्धिक संपदा की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला। इस व्याख्यान में सभी छात्रों को अपनी भूमिका को समझने और बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व को समझने का अवसर मिला।
हिन्दुस्थान समाचार/ वंदना/चंद्र प्रकाश