उत्तराखंड भाजपा में अंदरूनी गतिविधियों पर लगा विराम, भट्ट बोले-सार्वजनिक बयानबाजी से बचें,
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर स्पष्ट कराई स्थिति - पार्टी के नियमों क
उत्तराखंड भाजपा में अंदरूनी गतिविधियों पर लगा विराम, कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की हिदायत


- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर स्पष्ट कराई स्थिति

- पार्टी के नियमों के तहत रखें अपनी बात, सभी को अनुशासन में रहने की ताकीद

देहरादून, 28 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर मीडिया में चल रही अनावश्यक चर्चा पर विराम लगाते हुए सभी को अनुशासन में रहने की ताकीद की है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ हुई बैठक में सभी ने स्वीकारा कि कुछ गलतफहमियां हुई थीं, जिन्हें भविष्य में नहीं दोहराया जाएगा। साथ ही भट्ट ने लोकसभा चुनाव के बाद अब निकाय चुनाव को लेकर मतदाता सूची में मतदाताओं को जोड़ने को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र ही दो से तीन नामों का पैनल तैयार करने की बात कही।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर रविवार को हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने प्रत्येक मामले में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर स्थिति स्पष्ट कराई। इस दौरान रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी कैलाश पंत, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धन्ने और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य खेम सिंह चौहान ने अपना-अपना पक्ष रखा। बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कुछ दिनों से समाचार पत्र एवं टीवी चैनलों में पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर जो चर्चा चल रही थी, उसी संबंध में सभी पक्षों को बुलाया गया था। साथ ही स्पष्ट किया कि अनुशासन में रहकर सभी लोगों को पार्टी में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। संगठन में कोई नया व्यक्ति हो या पुराना, किसी भी तरह की सार्वजनिक बयानबाजी से बचते हुए उन्हें पार्टी नियमों के तहत ही अपनी बात रखनी है। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि अनुशासन के यह निर्देश उनके समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के लिए हैं, जिसका पालन सबको करना है।

लोकसभा के बाद निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा-

निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी निकाय चुनाव को लेकर गंभीर है। संगठन स्तर पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर सभी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोशिश है कि अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदाता सूची से जोड़ा जाए। इसकी जिम्मेदारी पार्टी के स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ को दी गई है।

मतदाता सूची में गड़बड़झाला-

दरअसल, देखा गया है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम नगर निकाय की सूची से गायब हैं। इसके अलावा बहुत से ऐसे प्रकरण भी सामने आए हैं, जिनमें लोकसभा चुनाव की सूची में किसी पालिका में 18 हजार मतदाता हैं तो निकाय मतदाता सूची में 26 हजार।

उम्मीदवारों के नाम का पैनल तैयार करने के लिए भाजपा जल्द नियुक्त करेगी प्रभारी-

इसी तरह प्रत्येक नगर निगम, नगर पालिका नगर पंचायत में उम्मीदवारों के नाम का पैनल तैयार करने के लिए शीघ्र ही प्रभारी नियुक्त किया जा रहे हैं। जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष एवं संगठन के तमाम पदाधिकारी से विचार-विमर्श कर दो से तीन नाम प्रदेश नेतृत्व को भेजा जाएगा। जिस पर प्रदेश संसदीय समिति विचार कर उम्मीदवार चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।

भाजपा का पलटवार, कांग्रेस शासित प्रदेशों से कम है उत्तराखंड में विद्युत दर-

विद्युत दरों में वृद्धि को लेकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष को अपने राज्यों के बिजली दामों पर भी निगाह डालनी चाहिए, जो उत्तराखंड से भी अधिक है। विद्युत नियामक आयोग एक तय प्रक्रिया के तहत दरों को निर्धारित करता है, जिसे अधिक समय तक रोक कर विद्युत प्रबंधन बाधित करना उचित नहीं है। उत्तराखंड शत-प्रतिशत बिजली सप्लाई एवं बेहतर आपूर्ति व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। विद्युत उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए उन उत्पादन परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिन्हें कांग्रेस ने अपनी सरकार में दशकों तक लटकाए रखा था।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज