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इराकी संसद ने समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखने वाला कानून पारित किया है। इसके तहत समलैंगिकता से जुड़े मामलों में अधिकतम 15 साल जेल की सजा दी जा सकेगी। कानून की प्रति में कहा गया है कि इसका उद्देश्य इराकी समाज को नैतिक भ्रष्टता और समलैंगिकता से बचाना है। इससे धार्मिक मूल्यों को कायम रखने में मदद मिलेगी।
जबकि अमेरिका सहित कुछ पश्चिमी देशों ने इराक के कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि इस कानून के जरिये इराक एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों का हनन जारी रखेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से जारी की गई जानकारी के मुताबिक 'अमेरिका इराकी संसद द्वारा मौजूदा कानून में संशोधन पारित होने से बहुत चिंतित है। कानून समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाता है। साथ ही जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। समलैंगिकता को बढ़ावा देने वालों को भी सजा देने की बात कही गई है। यह बदलाव संवैधानिक रूप से संरक्षित मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के लिए खतरा है।'
हिन्दुस्थान समाचार/ संजीव