आरडीएसओ योजना की हो सीबीआई जांच : उपभोक्ता परिषद
लखनऊ, 28 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश में 15 हजार करोड़ की आरडीएसएस योजना व स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की
प्रतिकात्मक फोटो


लखनऊ, 28 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश में 15 हजार करोड़ की आरडीएसएस योजना व स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की 25 हजार करोड़ की योजना में गड़बड़ी का आरोप राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने लगाया है। इसके साथ ही सीबीआई जांच की मांग की है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जांच होने पर इसमें बड़ा मामला खुलकर सामने आएगा।

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में चीन में बने कंपोनेंट लगे होने की बात उजागर होने के बावजूद अभियंताओं पर कार्रवाई न होना भी आश्चर्य की बात है। आज भी निर्माता कंपनियां वैसे ही गड़बड़झाला कर रही हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना व आरडीएस योजना में लगे अनेक अभियंता जो जीटीपी अनुमोदन सहित अनेक मामलों में सम्मिलित उन सभी को चिन्हित कर उनकी संपत्ति की जांच कराई जाए।

उत्तर प्रदेश में तीन करोड़ 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में चलते हुए मीटर को उतार कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की 25 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत वाली स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना व 15 हजार से 17 हजार करोड़ की लागत वाली आरडीएसएस योजना टेंडर से लेकर वर्तमान तक चाहे वह ऊंची दरों पर टेंडर का मामला हो। बैंक गारंटी कम करने का मामला हो, यह सबसे बड़ा संवेदनशील गारंटीड टेक्निकल पार्टिकुलर के चयन का मामला हो। फिर स्मार्ट प्रीपेड मीटर में लगने वाले कंपोनेंट में बड़ी संख्या में अनुमोदित चीनी कंपोनेंट का मामला हो कि पत्रावलियों की छानबीन की जाए तो बड़ा मामला सामने आएगा। इसलिए प्रदेश और देश के विद्युत उपभोक्ताओं के हित में उत्तर प्रदेश की इन दोनों योजनाओं की सीबीआई से जांच कराना जनहित में होगा। उपभोक्ता परिषद नई सरकार के गठन के बाद इन दोनों योजनाओं की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की।

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा पूर्व में लगाए जाने वाले स्मार्ट मीटर का पूरा प्रोजेक्ट फेल हो गया। उसमें लगे अनेकों अभियंता निर्देशक बन गए। आज भी यदि इन दोनों योजनाओं में लगे अभियंताओं की संपति की जांच करा ली जाए तो बड़ा मामला सामने आएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि हद तो तब हो गई, जब मध्यांचल विद्युत वितरण कंपनी में 5000 करोड़ से ज्यादा का स्मार्ट प्रीपेड मीटर का आर्डर पाए एक देश का निजी घराना। सबसे पहले फरवरी 2024 में चीनी कॉम्पोनेंट वाली गारंटीड टेक्निकल पार्टिकुलर जी0टी0पी अनुमोदित कर लिया। जब उपभोक्ता परिषद ने इसका खुलासा कर दिया तो पावर कॉरपोरेशन पहुंचा। वहां के आदेश के बाद पुनः कंपनी से स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर लगने वाले संशोधित कंपोनेंट की सूची 16 अप्रैल को दिया और इसी कंपनी ने 19 अप्रैल की डेट में चीन निर्मित कंपोनेंट से बने स्मार्ट प्रीपेड मीटर तैयार है, का निरीक्षण परीक्षण का प्रस्ताव मध्यांचल को दे दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश