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मुरादाबाद, 26 अप्रैल (हि.स.)। जिले के थाना भोजपुर क्षेत्र के गांव सिरसवां गौड़ निवासी अमले देवी (42 वर्ष) का जून 2021 में ऑपरेशन हुआ था। उस दौरान डॉक्टर ने ऑपरेशन में पित्त की थैली निकाल दी थी। पेट में दर्द होने पर 22 अप्रैल 2024 को मरीज ने कांठ रोड स्थित दिव्या डायग्नॉस्टिक पर अल्ट्रासाउंड कराया। रिपोर्ट में पित्त की थैली सामान्य बताई गई, अन्य समस्याएं दर्शाई गईं। इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर की गई है।
रिपोर्ट पर एमबीबीएस एमडी (रेडियोडायग्नॉसिस) डॉ. सुनील कुमार के हस्ताक्षर भी थे। रिपोर्ट देखकर मरीज को लगा कि कहीं तीन साल पहले डॉक्टर ने गलत ऑपरेशन तो नहीं कर दिया। वह रिपोर्ट लेकर आशीर्वाद नर्सिंग होम पहुंची। डॉक्टर ने रिपोर्ट देखी तो वह भी हैरान रह गए।
उन्होंने दूसरे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मरीज को जांच के लिए भेजा। इस बार जांच रिपोर्ट सही आई। रिपोर्ट में लिखा था कि पित्त की थैली की जगह खाली है। तब मरीज को अंदाजा हुआ कि दिव्या डायग्नॉस्टिक से उसे गलत रिपोर्ट मिली है। मरीज के परिजनों ने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर की है।
दिव्या डायग्नॉस्टिक के संचालक डॉ. सुनील कुमार का कहना है कि रिपोर्ट में टाइपिंग त्रुटि या कोई अन्य गलती हुई है। मरीज को दोबारा जांच के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। पीसीपीएनडीटी के नोडल डॉ. भरत भूषण ने बताया कि गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देना मरीज की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है। शिकायत मिलने पर इस मामले की जांच कराएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/सियाराम