ऐतिहासिक जवारा मेला की तैयारियां शुरू, मुस्लिम लोग भी गाते हैं देवी गीत
हमीरपुर, 18 अप्रैल (हि.स.)। सुमेरपुर विकास क्षेत्र में दो ग्राम पंचायतों के संयुक्त ग्राम बिदोखर के
ऐतिहासिक जवारा मेला 


हमीरपुर, 18 अप्रैल (हि.स.)। सुमेरपुर विकास क्षेत्र में दो ग्राम पंचायतों के संयुक्त ग्राम बिदोखर के जवारा मेला की तैयारियां जोर-शोर से जारी है। इस जवारा मेला में देवी भक्तों द्वारा सवा कुंतल बजनी सांगों का प्रदर्शन दौड़कर करते हैं। जवारा मेला देखने के लिए आसपास के गांवों से लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

बिदोखर पुरई के प्रधान सुंदरलाल प्रजापति एवं बिदोखर मेदनी के प्रधान लालाराम यादव ने बताया कि पुरई में काली माता मंदिर प्रांगण एवं मेदनी में पाथामाई मंदिर प्रांगण की साफ सफाई कराकर पानी बिजली आदि के पुख्ता इंतजाम कराये जा रहे हैं। जवारा मेला पुरई के काली माता मंदिर से शुरू होकर मेदनी के पाथामाई मंदिर में संपन्न होता है। यहां पर देवी भक्त सवा कुंतल सवा मन की वजनी लोहे की सांगों को गालों में छेदकर दौड़ते हुए प्रदर्शन करते हैं। यह जवारा मेला इस वर्ष 20 अप्रैल शनिवार को संपन्न होगा।

मुस्लिम लोग भी गाते हैं देवी गीत

सुमेरपुर विकास क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां वर्ष पर्यन्त चलने वाले अचरी गीतों का गायन करने वालों की टोली में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल रहते हैं। गांव में आयोजित होने वाले अचरी गायन के कार्यक्रमों में इनकी भी सहभागिता रहती है, यहां के अचरी गीत गायक हरिहर पाठक व शिवनाथ सविता ने बताया कि गांव के मुस्लिम समुदाय के मौलाना अहमद खान को अचरी गायन बेहद पसंद हैं, इस गायन से जुड़ी विभिन्न विधाओं से उनका गहरा लगाव है। उनके पास कवि जीतेंद्र रचित देवी गीतों का अच्छा संग्रह है, वह गांव की हर टोली के साथ आयोजित कार्यक्रमों में इनका गायन करते हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय गावों में आयोजित ख्याल गीत, भजन आदि के कार्यक्रमों में भी वह भाग लेते हैं। यहां जिस तरह का मुस्लिम लोगों का हिंदू संस्कृति व परंपरा से गहरा प्रेम है उसी तरह हिंदुओं का भी इसी तरह उनके पर्वाे के प्रति लगाव रहता है, ऐसा सामान्यतया नजर नहीं आता है, लेकिन बिदोखर में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल यहां लंबे से कायम है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश