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काठमांडू, 18 अप्रैल (हि.स.)। चीन ने एक बार फिर नेपाल के आन्तरिक मामलों में खुलेआम दखलंदाजी करते हुए वामपंथी दलों की एकता को अपरिहार्य बताया है। इतना ही नहीं चीन ने वर्तमान कम्युनिस्ट गठबन्धन की सरकार को स्थिर देखने की इच्छा व्यक्त की है।
नेपाल के सत्तारूढ़ माओवादी पार्टी के महासचिव देव गुरूंग के नेतृत्व में चीन यात्रा पर रहे दो दर्जन नेताओं से मुलाकात के दौरान कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के विदेश विभाग के प्रमुख लिउ चियानचाउ ने कहा कि चीन की हमेशा से यही ख्वाहिश है कि नेपाल के सभी प्रमुख वामपंथी दल एक हों। चाउ ने बताया कि नेपाल के वामपंथी दलों की एकता चीन के हित में है। इसलिए अलग अलग दल में रहे नेपाली वामपंथियों को एक ही दल में समाहित हो जाना चाहिए। सीपीसी विदेश विभाग प्रमुख ने कहा कि नेपाल में राजनीतिक स्थिरता के लिए भी वामपंथी दलों की एकता अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि तिब्बत से लेकर ताइवान तक के मामले में नेपाल की तरफ से चीन के पक्ष में खड़े रहने के लिए नेपाल सरकार खासकर वामपंथी सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं।
नेपाली माओवादी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए सीपीसी विदेश विभाग ने वर्तमान सरकार के स्थायित्व की कामना भी की। उन्होंने कहा कि माओवादी सुप्रीमो कामरेड प्रचण्ड के नेतृत्व में बनी वामपंथी सरकार की स्थिरता नेपाल और चीन दोनों के हित में है। उन्होंने कहा कि नेपाल में वामपंथी सरकार रहने पर उसके साथ सहकार्य करने में चीन को आसानी होती है। चीन ने नेपाली माओवादी नेताओं को देश में बढ़ रहे पश्चिमी प्रभाव पर चिंता भी व्यक्त की है। विदेश विभाग प्रमुख ने कहा कि नेपाल में कुछ पश्चिमी देश षड्यंत्र के तहत फ्री तिब्बत मूवमेंट वालों को समर्थन करते हैं, जो कि नेपाल चीन द्विपक्षीय हित में नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज दास/दधिबल