रामनवमी पर वाराणसी में जगह-जगह से निकली शोभायात्रा, रामराज्य का संकल्प
वाराणसी, 17 अप्रैल (हि.स.)। लगभग 500 वर्षों से साधु-संतों, हिन्दुत्ववादी संगठनों एवं हिन्दुओं के संघ
हिन्दू एकता शोभायात्रा :फोटो बच्चा गुप्ता


वाराणसी, 17 अप्रैल (हि.स.)। लगभग 500 वर्षों से साधु-संतों, हिन्दुत्ववादी संगठनों एवं हिन्दुओं के संघर्ष के बाद अयोध्या में जन्मस्थान पर भव्य रामलला का मंदिर बनने के बाद रामनवमी पर बुधवार को लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा। महापर्व पर पूरे जिले में जगह-जगह से हिन्दूवादी संगठनों के साथ नागरिकों ने भव्य शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा में भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंग की झाकियां, खासकर अयोध्या में विराजमान रामलला की अनुकृति वाली झांकी लोगों में आकर्षण का केन्द्र रही। हिन्दू जन जागृति समिति की ओर से हिन्दू एकता शोभायात्रा मैदागिन चौराहे से निकाली गई। शोभायात्रा में हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी, अधिवक्ता, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि तथा श्रीराम भक्त सम्मिलित हुए।

शोभायात्रा का आरंभ धर्मध्वज पूजन कर शंखनाद से हुआ। यात्रा में सहभागी सभी निरंतर ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का नामजप कर रहे थे। यात्रा के समय ‘एक ही नारा एक ही नाम, जय श्रीराम जय श्रीराम’, ‘पवनसुत हनुमान की जय’ के नारे से वातावरण गूंज उठा। यात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर-4 पर पहुंची तो वहां श्रीराम रचित शिव स्तुति से वातावरण भक्तिमय हो गया। बांसफाटक, दशाश्वमेध चौराहे से होते हुए चितरंजन पार्क जाकर सम्पन्न हुई।

हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश तथा बिहार के समन्वयक विश्वनाथ कुलकर्णी ने बताया कि अयोध्या में श्रीरामलला की स्थापना श्रीराम राज्य के अवतरण का संकेत है। आज श्रीरामनवमी के शुभ अवसर पर हम सभी संगठित होकर रामराज्य के लक्ष्य को साकार करने के लिए संकल्प लिए है। उधर, श्री रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा की शुरुआत अस्सीघाट से हुई। श्री संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने शोभायात्रा की आरती उतार कर इसकी शुरुआत की। शोभायात्रा गंगा में बजड़े पर अस्सी से भैसासुर घाट तक निकाली गई। शोभायात्रा का विभिन्न घाटों पर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में भगवान राम के जीवन पर आधारित 11 झांकिया लोगों में आकर्षण रही।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश