नेपाल के गृहमंत्री भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, पर अब तक आरोपित नहीं बनाया गया
नेपाली गृहमंत्री ने सहकारी बैंकों से गैरकानूनी तरीके से कर्ज लेकर अपनी मीडिया कंपनी में लगाया काठमां
नेपाल के गृहमंत्री भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, पर अब तक आरोपित नहीं बनाया गया


नेपाली गृहमंत्री ने सहकारी बैंकों से गैरकानूनी तरीके से कर्ज लेकर अपनी मीडिया कंपनी में लगाया

काठमांडू, 17 अप्रैल (हि.स.)। नेपाल के उपप्रधानमंत्री सह गृहमंत्री रवि लामिछाने रोज नए नए विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर आए दिन नए नए आर्थिक अनियमितता का आरोप भी लग रहे हैं। इस बार आरोप किसी व्यक्ति या संस्था या फिर विपक्षी राजनीतिक दल के तरफ से नहीं बल्कि अदालत में पुलिस के द्वारा दायर चार्जशीट के द्वारा लगाया गया है।

पुलिस द्वारा अदालत में दायर चार्जशीट की मानें तो गृहमंत्री रवि लामिछाने ने विभिन्न सहकारी बैंकों से पैसे लेकर अपने टीवी चैनल में निवेश किया है। रवि लामिछाने पर सुप्रीम सहकारी बैंक से 2 करोड़ रूपए अवैध तरीके से ऋण लेने तक की बात की जा रही थी। लेकिन जैसे जैसे चार्जशीट में लिखी बातें सामने आ रही हैं वैसे वैसे लामिछाने के द्वारा पर्सनल लोन के अलावा चार पहिया वाहन खरीदने के लिए 50-50 लाख रुपए के दो लोन यानि गाडी खरीदने के लिए एक करोड़ रूपए का भी लोन लेने की बात सामने आई है। इसके अलावा कई अन्य सहकारी बैंकों से करीब 50 करोड़ रूपए अपने टीवी चैनल में निवेश करने की बात भी पुलिस चार्जशीट में बताई जा रही है।

रूपन्देही जिला अदालत में दायर चार्जशीट में पुलिस ने गृहमंत्री रवि लामिछाने के द्वारा अपने व्यापारिक पार्टनर जी बी राई के नाम पर रहे करीब आधे दर्जन सहकारी बैंक से कई किस्तों में ऋण लेने का मामला भी दर्ज है। चार्जशीट के मुताबिक जिस टीवी चैनल का रवि लामिछाने प्रबन्ध निदेशक हुआ करते थे, उसका शेयर खरीदने के लिए उन्होंने गोरखा मीडिया के नाम से कंपनी बुटवल के सुप्रीम सहकारी से 14 करोड़ रूपए, पोखरा के सूर्यदर्शन सहकारी से 30 करोड़ रूपए और बांकी के 6 करोड़ रूपए काठमांडू के स्वर्णलक्ष्मी सहकारी और चितवन के सहारा सहकारी से लिए जाने की बात का खुलासा हुआ है।

रवि लामिछाने प्रबन्ध निदेशक रहे गोरखा मीडिया में सूर्यदर्शन सहकारी के 18700, चितवन के सहारा सहकारी के 8000, बुटवल के सुप्रीम सहकारी के करीब 10000 और काठमांडू के स्वर्णलक्ष्मी के 13000 सहित करिब 49 हजार बचतकर्ताओं का 50 करोड़ रूपैया अवैध तरीके से निवेश किए जाने की बात कही गई है। इतना सब होने के बावजूद गृहमंत्री ना तो पद से इस्तीफा दे रहे हैं और ना ही पुलिस उनको आरोपी बना रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज दास/जितेन्द्र