उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय चैती छठ
सहरसा,15 अप्रैल (हि.स.)।प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ सोमवार को
उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय चैती छठ


सहरसा,15 अप्रैल (हि.स.)।प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ सोमवार को संपन्न हो गया।इस वर्ष शहरी क्षेत्र में आहिस्ता आहिस्ता चैती छठ मनाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी बढोतरी देखी गई।शंकर चौक मंदिर परिसर स्थित छठ घाट पर श्रद्धालुओं एवं ब्रतियों को देखकर नहीं लग रहा था कि यहां चैती छठ मनाया जा रहा है।बल्कि कार्तिक महीने की तरह ही संध्या अर्घ्य एवं उदयमान सूर्य के अर्घ्य की तरह ही श्रद्धालुओं एवं व्रतियों की भारी भीड उमडी थी। हालांकि शहरी क्षेत्र में मत्स्य पोखर सहित शंकर चौक मंदिर परिसर स्थित पोखर में भी चैती छठ का आयोजन किया गया। जबकि लोग अपने अपने घरों में भी छठी माता की पूजा की गयी।

शहरी क्षेत्र में अधिकांश श्रद्धालु शंकर चौक स्थित मंदिर पोखर पर छठ मनाया।इस दौरान परिजनों ने भी उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। विधि-विधान से सूर्योपासना एवं अर्घ्य के बाद व्रतियां व श्रद्धालु अपने-अपने घरों की ओर लाैटे।लोक आस्था का महापर्व छठ का शुभारंभ 12 अप्रैल को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था।इसके अगले दिन 13 अप्रैल को खरना का व्रत था। खरना पूजा के बाद 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू हुआ।वही 14 अप्रैल की शाम छठ घाटों पर व्रतियों ने अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया,जबकि सोमवार के सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के बाद यह पर्व संपन्न हो गया। छठ व्रतियां हाथ में सूप लिए आराधना में लीन थी। अगल-बगल खड़े परिवार के सदस्य लोटे में जल एवं दूध भरकर सूर्य देवता को अर्घ दिया। जो पानी के अंदर नहीं पहुंच सके, वो सभी एक के पीछे एक कतार में खड़े हो गये। एक दूसरे को स्पर्श कर अर्घ्य देने की प्रक्रिया पूरी की। कोई जल से तो कोई दूध से अर्घ देते दिखे।

इस अवसर पर समितियों द्वारा श्रद्धालुओं को अर्घ्य के लिए गाय का दूध व अगरबत्ती भी दी गयी। छठ व्रतियो ने बताया कि पुरे नियम, निष्ठा, श्रद्धा, विश्वास एवं समर्पण के साथ छठ पर्व मनाया गया। उन्होंने कहा कि षष्ठी माता एवं सुर्य भगवान की कृपा से पुरे परिवार में सुख शांति, समृद्धि तथा धन्य धान व संतान की प्राप्ति होती है।घाट के व्यवस्थापक रंजीत दास सहित अन्य स्वयंसेवकों ने छठव्रतियों को निर्विघ्न पूजा संपन्न कराने के लिए भीड़ को नियंत्रित एवं व्यवस्थित कराने के लिए काफी सक्रिय रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा