रेलयात्रियों की सुविधा व भीड़ की निगरानी को लेकर वालंटियर तथा अधिकारी तैनात
सहरसा,29 मार्च (हि.स.)। होली पर्व के बाद वापसी के लिए जंक्शन पर रेलयात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी है। ऐ
सहरसा-भीड़ निगरानी


सहरसा-भीड़ निगरानी


सहरसा,29 मार्च (हि.स.)। होली पर्व के बाद वापसी के लिए जंक्शन पर रेलयात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी है। ऐसे में भीड़ के नियंत्रण के लिए डिवीजन स्तर पर रेलवे अधिकारियों को तैनात किया गया है,जिन्हें प्रतिदिन सहरसा जंक्शन पर भीड़ की मॉनिटरिंग की रिपोर्ट डिवीजन और मुख्यालय को भेजी जा रही है। वहीं शुक्रवार को समस्तीपुर डिवीजन के डीसीआई राजेश रंजन श्रीवास्तव ने सहरसा जंक्शन पर मॉनिटरिंग की। भीड़ को देखते हुए जंक्शन पर यात्रियों को हेल्प करने के लिए वालंटियर भी लगाए गए हैं।

रेल अधिकारियों की माने तो दो से चार दिनों में अत्यधिक भीड़ बढ़ने की संभावना है।वही सुविधा के लिए अब यात्री यूपीआई सिस्टम से ही आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियां की टिकट प्राप्त कर सकेंगे। मोबाइल से एक क्लिक करते ही आपका पेमेंट हो जाएगा। होली त्यौहार समाप्ति के बाद अब प्रदेशों में होली वापसी की भीर धीरे-धीरे दिखने लगी है कोई टिकट काउंटर पर भी यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ गई है ऐसे में रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियां के सभी टिकट काउंटर पर यूपीआई सिस्टम सुविधा एक बार फिर से लागू करती है। इस सुविधा से यात्री आसानी से मोबाइल के माध्यम से टिकट प्राप्त कर सकेंगे। वही मोबाइल से ही पेमेंट भी कर सकेंगे। यानी कैश का झंझट पूरी तरफ से समाप्त हो जाएगा।

सहरसा जंक्शन सहित डिवीजन के सभी छोटे बड़े स्टेशनों पर इस सुविधा की शुरुआत कर दी गई है। इस सुविधा की शुरुआत से यात्रियों नई रेलवे के प्रति काफी आभार जताया है। यात्री मनोज का कहना है कि इस प्रणाली के लागू होने से भीड़ से निजात मिल कर आसानी से शीघ्र टिकट प्राप्त हो रहा है।आधुनिकता के इस दौर में हर किसी के पास मोबाइल है। जब कोई यात्री टिकट काउंटर पर पहुंचेगा तो सबसे पहले गूगल या पेटीएम चलाने वाले अपना यूपीआई एड्रेस बताएंगे।

आरक्षण कंप्यूटर पर यूपीआई एड्रेस डालते ही उस यात्री के मोबाइल पर एक मैसेज जाएगा। मैसेज पर जैसे ही यात्री ओके करेगा।आपका टिकट की उचित राशि रेलवे को पेमेंट हो जाएगी। पेमेंट मिलते ही कंप्यूटर से आपका टिकट निकलेगा और आप टिकट प्राप्त कर सकेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा