अनूपपुर: भाजपा सांसद की निष्क्रिय का मुद्दा बना कांग्रेस भाजपा को टक्कर देने की कोशिश
अनूपपुर, 29 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभी 30
भाजपा व कांग्रेस प्रत्यासी


अनूपपुर, 29 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभी 30 अप्रैल तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे जो चुनाव मैदान से बाहर होना चाहते हैं। वहीं प्रत्याशी अपने पक्ष में मतदाताओं से समर्थन मांगने निकलने लगे हैं, जिनका चुनाव लड़ना तय है। अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित शहडोल संसदीय सीट पर एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही चुनावी टक्कर होगी। आठ विधानसभा वाली सीट में शहडोल की दो, उमरिया की दो, अनूपपुर की तीन और कटनी जिले की एक विधानसभा के मतदाता शामिल हैं। इस बार भाजपा-कांग्रेस दोनों प्रत्याशी अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा के हैं, इसलिए चुनाव रोचक हो सकता है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान सांसद हिमांद्री सिंह प्रधानमंत्री मोदी का नारा इस बार 400 के पार पर जोर देते हुए मतदाताओं से समर्थन मांग रही हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल सिंह निष्क्रिय बनाम सक्रिय प्रत्याशी को मुद्दा बनाकर समर्थन मांग रहे हैं।

नामांकन जमा करने के अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस दोनों ने अनूपपुर में सभा रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया। भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला सहित कई नेता पहुंचे और मोदी का नारा अबकी बार 400 पार को बार-बार दोहराया। भाजपा के सभी नेताओं ने सभा, रैली व आम लोगों से मुलाकात में मोदी नाम लेकर ही भाजपा के लिए समर्थन मांगा। कहीं न कहीं पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी प्रत्याशी व वर्तमान सांसद का बीता पांच साल का कार्यकाल खटक रहा है, लेकिन मजबूरी है कि पार्टी ने उन्हीं को टिकट दिया है, इसलिए उनके साथ खड़े होना ही पड़ेगा। सिंह कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल लगातार पुष्पराजगढ़ विधानसभा से तीन बार के विधायक हैं और आदिवासियों के बीच पकड़ भी है। उनके समर्थन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित कई नेता नामांकन दाखिल करने के दौरान उपस्थित रहे। सभा और रैली हुई, जिसमें इस बार सक्रिय बनाम निष्क्रिय प्रत्याशी को मुद्दा बनाया जा रहा है। प्रत्याशी फुंदेलाल भी मतदाताओं के बीच जाकर यही सवाल करते हैं कि पांच साल में सांसद आपके गांव में कितने बार आईं और क्या किया। यदि यह मुद्दा आदिवासियों के बीच चल गया तो हिमाद्री को चुनौती मिल सकती है। नामांकन के अंतिम दिन दोनों प्रतिद्वंदी दल भाजपा- कांग्रेस ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि मुकाबला टक्कर का होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला