चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव में तय नियमों के अनुसार ही समाचार व विज्ञापन करें प्रकाशित
- मीडिया के लिए पीसीआई और एनबीएसए ने तय किए नियम - मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए इस बार भी होगा
चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव में तय नियमों के अनुसार ही समाचार व विज्ञापन करें प्रकाशित


- मीडिया के लिए पीसीआई और एनबीएसए ने तय किए नियम

- मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए इस बार भी होगा वीवीपैट का उपयोग

चंडीगढ़, 28 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा आम चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने में मीडिया का भी अहम योगदान होता है। इसलिए आदर्श आचार संहिता के दौरान प्रिंट मीडिया को भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) के तय नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार ही समाचार और विज्ञापन को प्रकाशित एवं प्रसारण करना अनिवार्य है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल गुरुवार को यहां लोकसभा आम चुनाव 2024 के संबंध में तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टियों के विज्ञापन सामग्री प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में छपवाने या प्रसारण के लिए दी जाएगी तो उस प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान को यह चेक करना अनिवार्य होगा कि उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टी ने विज्ञापन को छपवाने के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिरिंग कमेटी (एमसीएमसी) से सर्टिफिकेट प्राप्त किया गया हो।

उन्होंने कहा कि यह एमसीएमसी कमेटी केंद्रीय, राज्य और जिला स्तर पर बनी हुई है और उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टियों के लिए यह अनिवार्य नहीं है कि वह केवल हरियाणा की एमसीएमसी कमेटी से ही सर्टिफिकेट प्राप्त करें। उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टियां दिल्ली में स्थित एमसीएमसी कमेटी से भी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं, जो हरियाणा में भी मान्य होंगे।

अनुराग अग्रवाल ने भारतीय प्रेस परिषद और समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण के तय नियमों और दिशा-निर्देशों की जानकारी देते हुए बताया कि आचार संहिता के दौरान मीडिया को सांप्रदायिक, गैर-कानूनी, जाति और राष्ट्र विरोधी समाचारों के प्रसारण से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों तथा राजनीतिक दलों की ओर से विभिन्न प्रकार की प्रचार सामग्री छपवाई जाती है, इसलिए प्रकाशक तथा मुद्रक द्वारा छापी गई सामग्री का ब्यौरा संबंधित जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में भेजना आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए इस बार भी वीवीपैट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जब मतदाता वोट डालता है तो वीवीपैट की स्क्रीन पर 7 सेकंड के लिए मतदाता को अपना वोट दिखाई देता है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील