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जयपुर, 29 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण को कहा है कि वह सिरसी रोड बाईपास से क्वींस रोड तिराहे के बीच आने वाले अतिक्रमणों को हटाने से पहले प्रभावितों सुनवाई का मौका देकर विधि सम्मत कार्रवाई करे। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश विजय कुमार बोयत की जनहित याचिका में दायर प्रभावितों तुलसी देवी व अन्य की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर दिए। अदालत ने पूर्व में जेडीए को दो माह में यहां से अतिक्रमण हटाने को कहा था।
प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता अजय चौधरी ने बताया कि प्रभावित व्यापारियों को सुने बिना खंडपीठ ने उन्हें अतिक्रमी मानकर पूर्व में आदेश पारित किया है। ऐसे में अदालती आदेश की आड में अब उन्हें सीधे हटाया जा रहा है। जबकि कई व्यापारियों के पास वैध दस्तावेज भी हैं। वहीं हाईकोर्ट की ओर से उन्हें अतिक्रमी मानने पर अब उन्हें किसी अन्य स्तर पर राहत भी नहीं मिल सकती। ऐसे में खंडपीठ के पूर्व के आदेश को वापस लिया जाए और उनका पक्ष भी सुना जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जेडीए को निर्देश देते हुए जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया। प्रभावितों के वकील ने बताया कि खंडपीठ ने माना की सडक़ की चौडाई और अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए जेडीए अधिकृत है। गौरतलब है कि खंडपीठ ने गत 21 नवंबर को जेडीए को आदेश दिए थे कि वह अतिक्रमी को नोटिस देकर दो माह में सडक़ को अतिक्रमण मुक्त करे। इस पर प्रभावितों की ओर से प्रार्थना पत्र दायर कर आदेश को वापस लेने की गुहार की गई थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक