Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कानपुर,31 अक्टूबर(हि.स.)। नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत किसानों एवं गौ पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए योगी सरकार अनुदान दे रही है। सरकार ने अनुदान देने के लिए एक नवंबर से 30 नवम्बर तक आवेदन मांगा है। मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना तहत दस स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की इकाई स्थापना हेतु 11 लाख 80 हजार रुपए का अनुदान दो चरणों में रहती है। यह जानकारी गुरुवार को कानपुर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आईडीएन चतुर्वेदी ने दी।
उन्होंने बताया कि उप्र नन्द बाबा दुग्ध मिशन के निदेशक राकेश कुमार मिश्र ने एक पत्र जारी करके प्रदेश के सभी जनपदों से गौ पालन के लिए नया उद्योग शुरू करने के लिए आवेदन मांगा है। ऐसे किसानों एवं गौपालकों से अपील किया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए एक नवंबर से 30 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन करना है।
पूर्व से संचालित गौ पालन उद्योग केंद्र के लाभार्थियों को नहीं मिलेगा लाभ
उन्होंने बताया कि पूर्व में संचालित कामधेनु, माइक्रो कामधेनु योजना अथवा नंद बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत संचालित नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना अथवा मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ—संवर्धन योजना के लाभार्थी इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे।
योजना का लाभ लेने के लिए कहां करें आवेदन
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि इस योजना के संबंध में आवेदन का पत्र का प्रारूप व संबन्धित शासनादेश विभागीय पोर्टल https://updairydevelopment.gov.in एवं https://www.animalhusb.upsdc.gov.en पर तथा संबंधित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है तथा अधिक जानकारी के लिए अपने जनपद के उपरोक्त विभाग के कार्यालय से ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यह योजना प्रदेश के सभी जनपदों में लागू है। लाभार्थी अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत तथा इकाई लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत का अनुदान दे रही है। इस अनुदान के माध्यम से साहिवाल व थारपारकर प्रजाति की दस गाय की परियोजना की कुल अनुमानित लागत 23.60 होगी।
गाय का क्रय प्रदेश के बाहर से यथासंभव ब्रिडिंग ट्रैक्ट से लाभार्थी द्वारा किया जाएगा। क्रय की जाने वाली गाय प्रथम या द्वितीय व्यॉत की होनी चाहिए तथा गौवंश डेढ़ माह से पूर्व व्याय न हों। इसके साथ ही इकाई स्थापना के लिए 0.20 एकड़ व 8712 वर्ग फुट भूमि तथा चारा उत्पादन हेतु 80 एकड़ 34848 वर्ग फीट भूमि होना अनिवार्य रूप से स्वयं की अथवा पैतृक अथवा न्यूनतम 7 वर्ष के लिए अनुबन्ध अथवा किरायेनामे पर ली गई हो।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल