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कोलकाता, 31 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों के चयन में आ रही समस्याओं और विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को दोबारा जनता को आश्वस्त किया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशानुसार, सभी योग्य लाभार्थियों के नाम आवास सूची में शामिल करने का आदेश दिया गया है, जिसमें पुनर्विचार की प्रक्रिया का भी प्रावधान है। नवान्न से जारी नई अधिसूचना में कहा गया है कि किसी भी योग्य व्यक्ति का नाम बिना पुष्टि के सूची से हटाया नहीं जाएगा।
राज्य के विभिन्न जिलों में योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के चयन प्रक्रिया में असंतोष का माहौल बना हुआ है। कई जिलों में आरोप है कि सत्ताधारी दल के समर्थकों को आवास योजना का लाभ अधिक दिया जा रहा है, जबकि वास्तविक जरूरतमंदों को सूची से बाहर कर दिया गया है। बुधवार को नवान्न में हुई एक बैठक में मुख्य सचिव मनोज पंत ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्वेक्षण में मानवता का दृष्टिकोण अपनाया जाए।
मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलापन बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से योजना का क्रियान्वयन करेगी और लाभार्थियों को सिर छुपाने की जगह मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पात्र लाभार्थी को आवास निर्माण के लिए एक लाख बीस हजार रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
पश्चिम बंगाल में आवास योजना के सर्वेक्षण में शामिल कुछ जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी है। मुर्शिदाबाद के जालंगी क्षेत्र में तृणमूल के एक नेता मसदुल मंडल ने अपने पक्के मकान के कारण खुद को सूची से बाहर करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि उनके पक्के घर के होते हुए उन्हें इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए, बल्कि इसका लाभ किसी अन्य जरूरतमंद को मिलना चाहिए।
राज्य सरकार के अनुसार, सूची में नाम शामिल कराने के लिए सर्वेक्षण के दौरान आवेदकों की मौजूदगी अनिवार्य है। बाहर काम करने गए प्रवासी श्रमिकों के परिवारों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि सर्वेक्षण के लिए उनके परिवार का कोई करीबी व्यक्ति भी उपस्थित हो सकता है, हालांकि अंतिम सत्यापन के समय लाभार्थी का मौजूद रहना आवश्यक होगा। इस बीच, कई जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी है, जहां लोगों ने भाजपा समर्थकों को योजना से वंचित किए जाने के आरोप लगाए हैं।
विरोध प्रदर्शन और आरोपों के बीच, नवान्न ने नई निर्देशिका जारी कर कहा है कि योजना से किसी भी योग्य व्यक्ति का नाम नहीं हटाया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर