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लखनऊ, 22 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश के जिलों में गठित स्वयं सहायता समूहों की दीदियों को स्वावलंबी ,आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने के उद्देश्य से रु. 747 करोड़ से अधिक की धनराशि की स्वीकृति की प्रदान की है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यह धनराशि शीघ्रातिशीघ्र जिलों को भेजना सुनिश्चित किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विकास कार्यों के क्रियान्वयन की गति बढ़ाई जाय।एस आर एल एम के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया जाय। निर्देश दिए कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता को परखा जाय और जहां सुधार की आवश्यकता हो ,सुधार किया जाय। केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को अपने कैम्प कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य गरीब ग्रामीण लोगों को सतत्आजीविका संवर्धन और बेहतर वित्तीय सेवाओं के माध्यम से सक्षम प्लेटफॉर्म प्रदान करना है ताकि उनकी आय बढ़ाई जा सके। गरीबों को स्थायी रूप से आजीविका उपलब्ध कराने के एन आर एल एम में उनके क्षमता के संवर्धन ( जानकारी, कौशल विकास, वित्त पोषण एवं एकजुटता के माध्यम से) की व्यवस्था की गयी है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि महिलाओं की आजीविका संवर्धन हेतु सरकार द्वारा जो व्यवस्थाएं की गयी हैं, जो योजनाएं चालू की गयी है, उनके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग के बजट का समय से सदुपयोग किया जाय। महिलाएं आत्मनिर्भर होगी, तो समाज स्वत: सशक्त होगा। उन्हाेंने निर्देश दिए कि उन्होंने अमृत सरोवरों की देखरेख व सौन्दर्यीकरण पर विशेष फोकस किया जाय। ग्राम चौपालों को और अधिक प्रबल व प्रभावी रूप से सफल बनाया जाय।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार, आयुक्त ग्राम्य विकास जी एस प्रियदर्शी, मिशन निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन दीपा रंजन, विशेष सचिव ग्राम्य विकास विभाग अनिल कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन