सूर्यसप्तमी पर भगवान सूर्यदेव लवाजमे के साथ सात घोड़ों पर सवार हो नगर भ्रमण पर निकले
जयपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। राजधानी जयपुर में माघ शुक्ल सप्तमी पर सूर्य सप्तमी मनाई गई। शहर के सूर्य म
सूर्यसप्तमी पर भगवान सूर्यदेव लवाजमे के साथ सात घोड़ों पर सवार हो नगर भ्रमण पर निकले


जयपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। राजधानी जयपुर में माघ शुक्ल सप्तमी पर सूर्य सप्तमी मनाई गई। शहर के सूर्य मंदिर में भगवान का अभिषेक किया गया। सूर्योदय के समय भगवान सूर्य के समक्ष आदित्य हृदय स्तोत्र के सामूहिक पाठ शुरू हुए। वहीं सूर्योदय के समय गलता स्नान के साथ लोगों ने अरुणोदय स्नान किया। दोपहर में सूर्य यज्ञ का आयोजन हुआ,जिसमें भक्तों ने सामूहिक रूप से सूर्य के बीज मंत्रों के बीच आहुतियां अर्पित की। इससे पहले भगवान सूर्य का मनोहारी श्रृंगार कर नवीन पोशाक धारण करवाकर आरती की गई।

शहर में सूर्य भगवान की रथ शोभायात्रा निकाली गई। गलता घाटी स्थित सूर्य मंदिर से भगवान सूर्य देव को सुसज्जित रथ में विराजमान कराकर रथ यात्रा शुरू हुई। बैंडबाजे, ऊंट, घोड़े, हाथी के लवाजमे के साथ रथयात्रा रवाना हुई। रथयात्रा गलता घाटी से रवाना होकर सूरजपोल बाजार, रामगंज चौपड़, बड़ी चौपड़ होते हुए छोटी चौपड़ पहुंची। यहां गलता पीठ के आचार्य अवधेश आचार्य ने संत-महंतों के साथ भगवान सूर्य की आरती की। इस दौरान भक्तों ने भी भगवान की आरती कर पुए का भोग लगाया। इसके बाद रथ छोटी चौपड़ की उल्टी परिक्रमा करते हुए उन्हीं मार्गों से होते हुए वापस सूर्य मंदिर पहुंचा।

जयपुर की सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा का जिक्र करते हुए आचार्य अवधेशाचार्य ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य सप्तमी पर भगवान सूर्य की उपासना करने से आरोग्य, संतति, आत्मबल प्राप्त होता है। जयपुर राजवंश सूर्यवंशी रहा है इसलिए यहां सूर्य की प्रधानता रही है। गलता घाटी से रथ रवाना होकर छोटी चौपड़ आकर यहां से वापस लौटता है। जब से जयपुर बसा है, ये सिलसिला जारी है। मकर सक्रांति के बाद सूर्य की गति उत्तरायण मानी गई है, दिशा परिवर्तन होने की वजह से यहां छोटी चैपड़ की उल्टी परिक्रमा करने की पुरानी परंपरा रही है।

सूर्य मंदिरों में विशेष आयोजन

वहीं शहर के सूर्य मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। जलेब चैक स्थित सूर्य मंदिर में भगवान का विशेष शृंगार कर उन्हें सात घोड़ों के रथ पर सवार किया गया। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में आकर्षक सजावट की गई है। मंदिर में प्रभु दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

सूर्यनमस्कार कार्यक्रम आयोजित

जयपुर के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर गलता गेट पर भी सूर्यनमस्कार कार्यक्रम आयोजित किए गए। सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में गायत्री परिवार, पंतजलि योगपीठ, योग स्थली, योग पथ समेत कई संस्थाएं शामिल हुई। हालांकि क्रीड़ा भारती की ओर से राजस्थान में सूर्य नमस्कार और योग के कार्यक्रमों का आह्वान किया गया था लेकिन स्कूलों और कॉलेजों में देवनारायण जयंती पर राजकीय अवकाश होने के चलते सभी जिलों में कार्यक्रम को स्थगित किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप