विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहा है कश्मीर : मनोज सिन्हा
-वरिष्ठ पत्रकार व प्रज्ञा संस्थान के अध्यक्ष जवाहर लाल कौल की किताब 'दी वुंडेड पैराडाइज' का विमोचन क

-वरिष्ठ पत्रकार व प्रज्ञा संस्थान के अध्यक्ष जवाहर लाल कौल की किताब 'दी वुंडेड पैराडाइज' का विमोचन किया गया

नई दिल्ली, 08 सितम्बर (हि.स.)। इंदिरा गांधी कला केन्द्र (आईजीएनसीए) द्वारा बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार व प्रज्ञा संस्थान के अध्यक्ष जवाहर लाल कौल की किताब 'दी वुंडेड पेराडाइज' का विमोचन किया गया। इस मौके पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, आईजीएनसीए के अध्यक्ष राम बहादुर राय, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रजनीश शुक्ला, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी भी मौजूद थे।

इस मौके पर जम्मू व कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि 373 पेज की 'दी वुंडेड पैराडाइज' पुस्तक में कश्मीर की नींव में दबे कई तथ्यों को लोगों के सामने रखने का अच्छा प्रयास है। इस किताब में जम्मू कश्मीर के इतिहास के साथ वहां की भौगोलिक व सांस्कृतिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को यह किताब पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर एक जमीन का टुकड़ा नहीं है। यह कई तरह से आहत हुई है। सालों से कश्मीर में बहुत से दरवाजे बंद पड़े थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास आमजन तक पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विकास की मुख्यधारा से तेजी से कश्मीर और वहां के लोग जुड़ रहे हैं।

उपराज्यपाल ने बताया कि कश्मीर में वहां के लोगों की शिकायत जानने के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया है। यहां चल-अचल संपत्ति संबंधित सभी समस्याओं को भेजा जा सकता है। 15 अगस्त को पोर्टल लॉन्च किया गया। इसमें अबतक 750 से ज्यादा शिकायतें आईं हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार कश्मीर से 60 हजार परिवार विस्थापित हुए थे। इनमें से 44 हजार रजिस्टर्ड हुए थे। इसमें 2000 के मुस्लिम व करीब 1300 सिख परिवार हैं। जमीन से जुड़े तकरीबन 60 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे मामले हैं, जिनका निस्तारण सिद्ध हो सकता है। विस्थापितों की जमीनें ऐसे लोगों के पास हैं, जो आंतकवाद से फलफूल रहे थे और सरकार से वेतन पाते थे। इस मामले में कोशिशें तेज की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का बजट सवा करोड़ से अधिक का है लेकिन अब भी 947 गांव सड़क से नहीं जुड़े हैं। बिजली के क्षेत्र में भी तेजी से काम हो रहा है। श्रीनगर में आने वाले चार वर्षों में 3400 मेगावाट बिजली बनने लगेगी। उसी तरह साल 2014 पहले कश्मीर में तीन मेडिकल कॉलेज थे, अब सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। दो नए एम्स और दो कैंसर इस्टीट्यूट पिछले चार पांच सालों में खोले गए हैं। मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू व कश्मीर के लोग नई सुबह का इंतजार कर रहे हैं।

युवाओं में नशे की लत का जिक्र करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि यह नारकोटिस्क टेरर का हिस्सा है। बैक टू विलेज कार्यक्रम के बारे में उन्होंने बताया कि जम्मू व कश्मीर में 4200 पंचायतें हैं। इसमें हर गांव में दो लोगों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया था। अबतक 20 हजार नौजवानों को रोजगार दे पाएं हैं, जिसमें से 4786 महिलाएं हैं आने वाले समय में 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। यूथ क्लस्टर बनाया गया है जो सरकार और ग्रामीण लोगों के बीच संवाद सूत्र होंगे। यहां अब हालात बदल रहे हैं और बेहतर हो रहे हैं। साइंस और सरोकार कार्यक्रम के तहत 14 इंक्यूबेशन सेंटर शुरू किए जा रहे हैं, जिसमें से बारामूला और जम्मू में दो सेंटर शुरू हो गए हैं।

सिन्हा ने बताया कि फूड प्रोसिसिंग के क्षेत्र में भी 51 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसी तरह दूध की कमी भी नहीं रहेगी। अगले साल तक राज्य में दूध का उत्पादन सरप्लस में होगा। भूमि कानून बदले हैं, लेकिन किसानों के हितों के लिए बदला है। पर्यटन भी बढ़ रहा है।

इस मौके पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने दी वुंडेड पैराडाइज किताब को कश्मीर का भावनात्मक दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि इस किताब में पर्यावरण की चिंता, धरती के स्वर्ग का विवरण, युवाओं को सुनहरे भविष्य की तरफ क्या कुछ करने की जरूरत है, पर प्रकाश डाला गया है। कश्मीर के बारे में यह पुस्तक संपूर्ण और महत्वपूर्ण है।

किताब के लेखक जवाहर लाल कौल ने कहा कि कश्मीरी होने के नाते उन्होंने धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को करीब से देखा है। वहां की समस्याओं को महसूस किया है। फिर वहां आने वाली सेंट्रल एशियन स्वेलो नाम की चिड़िया का लुप्त होना हो या फिर 80 के दशक में आंतकवादी गतिविधियों का बढ़ना, इस पुस्तक में राजनीतिक मुद्दों के साथ कश्मीर के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।

उल्लेखनीय है कि 'दी वुंडेड पेराडाइज' किताब को खामा प्रकाशन ने प्रकाशित किया है, जिसकी कीमत 990 रुपये रखी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/विजयालक्ष्मी