बगैर आर आर के पत्थर परिवहन कर लगाया करोड़ों का चूना
पाकुड़, 27 सितम्बर (हि.स.)। रेल अधिकारियों एवं पत्थर कारोबारियों की मिली भगत से बिना माइनिंग चलान के
बगैर आर आर के पत्थर परिवहन कर लगाया करोड़ों का चूना


पाकुड़, 27 सितम्बर (हि.स.)।

रेल अधिकारियों एवं पत्थर कारोबारियों की मिली भगत से बिना माइनिंग चलान के पत्थर उत्पादों का रेल के जरिये परिवहन कर सरकार को करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुंचाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बिना माइनिंग चलान के रेलमार्ग से पत्थरों के परिवहन में की गयी जालसाजी ने न केवल जिला प्रशासन बल्कि पत्थर व्यवसायियों को भी सकते में डाल दिया है।

आरोप के मुताबिक पत्थर औद्योगिक क्षेत्र मालपहाड़ी रेलवे साइडिंग के कुछ बड़े पत्थर व्यवसायियों द्वारा रेल अधिकारियों कर्मियों की मिलीभगत से समस्त नियमों को दरकिनार कर करोड़ों का पत्थर बिहार भेजा है। पत्थरों के अवैध परिवहन के इस मामले की भनक लगते ही खनन विभाग मामले की जांच करने में जुट गया है। जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार साहा ने बिना परिवहन चलान के खनिज का रेलवे द्वारा किये गये परिवहन के मामले को लेकर पाकुड़ रेलवे के मुख्य यार्ड मास्टर एवं रेलवे स्टेशन के मालगोदाम अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है। जिला खनन पदाधिकारी द्वारा इस बावत भेजे गए पत्र के चार दिन बीतने के बावजूद रेलवे के संबंधित पदाधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।

रेलवे से पत्थरों के परिवहन के इस जालसाजी के मामले को लेकर मालपहाड़ी रेलवे साइडिंग के दर्जनों पत्थर व्यवसायियों ने भी खनन विभाग को अपनी आपत्ति दर्ज करायी है। जिला खनन पदाधिकारी द्वारा मांगी गयी रिपोर्ट के बाद बगैर परिवहन चलान के रेलवे द्वारा किए गये पत्थरों के परिवहन में शामिल पट्टाधारियों एवं प्रेषणकर्ताओ सहित मालगोदाम में कार्यरत अधिकारियों और कर्मियों में हड़कंप मच गया है।

सूत्रों की मानें तो गत अगस्त माह में बिना माइनिंग चलान के रेलवे द्वारा आर आर निर्गत कर दिये जाने के बाद पत्थरों के परिवहन से खनन विभाग को करोड़ों के राजस्व की चपत लगी है। हालाँकि इस मामले में रेलवे एवं खनन विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। जिला खनन पदाधिकारी श्री साहा ने मुख्य यार्ड मास्टर एवं मालगोदाम अधीक्षक से मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी (माइनिंग) प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एनएसएस एंड कंपनी तथा भकतराम मध्यान को बिना परिवहन चलान निर्गत आरआर की सूची उपलब्ध कराने के बावत पत्र लिखा है। उक्त पत्र में उन्होंने उक्त दोनो रेल अधिकारियों का ध्यानाकृष्ट कराते हुए कहा है कि जुलाई 2019, जून एवं सितम्बर 2021 को भी खनिजों का प्रेषण परिवहन चलान के माध्यम से सुनिश्चित करने, लदे खनिज एवं मात्रा का परिवहन चलान प्राप्ति के बाद ही आर आर निर्गत करने के लिए ध्यान आकृष्ट कराया गया था। लेकिन परिवहन चलान प्राप्त किये बिना ही पत्थर खनिज का परिवहन पट्टाधारी एवं प्रेषणकर्ता मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी ने रेलवे द्वारा किया।

उधर खनन चलान लिए बिना आरआर निर्गत करने एवं मालगाड़ियों से पत्थरों का परिवहन कर दिये जाने के मामले को लेकर मालगोदाम अधीक्षक अनिल कुमार बास्की ने बताया कि कोई घोटाला नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि व्यवसायिक विश्वास( गुडफेथ) के तहत बिना माइनिंग चलान के आरआर मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी को दिया गया था। जिसमें थोड़ी चूक जरूर हुई है। साथ ही उन्होंने बताया कि गत अगस्त माह में मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी द्वारा बिना खनन चलान के मालगाड़ियों से पत्थरों के किए गये परिवहन मामले को लेकर हावड़ा रेल डिवीजन के वरीय पदाधिकारियों को मौखिक सूचना दी गयी है।

उन्होंने बताया कि मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी द्वारा बिहार राज्य के दरभंगा, हरिनगर, नारायणपुर आदि स्थानों में पत्थर भेजे गये थे। सूत्रो के मुताबिक रेल द्वारा खनन चलान लिये बिना मालगाड़ी से पत्थरों के परिवहन मामले में दो लोगों प्रतिक कुमार अग्रवाल एवं कृष्णा डोकानिया की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि पाकुड़ जिले के मालपहाड़ी रेलवे साइडिंग के खनन पट्टाधारी रेलवे के जरिये वर्षों से पत्थरों का परिवहन करते आ रहे है। नियमानुसार पत्थरों के परिवहन के लिए पहले संबंधित पट्टाधारियों द्वारा मालगोदाम अधीक्षक को इंडेंट के लिए आवेदन दिए जाते हैं। इंडेंट होने के बाद संबंधित पट्टाधारियों द्वारा रेल से पत्थरों के परिवहन लिए खनन चलान मुहैया कराया जाता है। तब रेलवे पट्टाधारियों, प्रेषणकर्ताओं को आरआर निर्गत करता है। लेकिन मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी को बिना माइनिंग चलान जमा किये ही आरआर निर्गत कर दिया गया। फलस्वरूप बिना खनन चलान के मालगाड़ियों से पत्थरों के परिवहन किए जाने के चलते खनन विभाग को करोड़ों के रूपये राजस्व की क्षति होने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि इसकी जांच शुरू हो गयी है। बावजूद इसके जबतक मालगोदाम अधीक्षक द्वारा जिला खनन पदाधिकारी द्वारा मेसर्स ओटन दास एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एनएसएस कंपनी एवं भकतराम मध्यान को बिना परिवहन चलान के निर्गत आरआर की सूची मुहैया नहीं करायी जाती है तबतक यह कहना मुश्किल है कि आखिर इसके चलते गलत तरीके से किए गए परिवहन से कितने रूपये के राजस्व का चूना लगाया गया है।

जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही मुख्य यार्ड मास्टर एवं मालगोदाम अधीक्षक से बगैर परिवहन चलान के निर्गत आरआर की सूची मांगी गयी है। लेकिन अबतक अप्राप्त है। डीएमओ ने बताया कि रेलवे के अधिकारियों के साथ इस बावत बैठक भी की गयी है।

हिंदुस्थान समाचार/ रवि