इटानगर, 14 सितम्बर (हि.स.)| अरुणाचल प्रदेश के सात संगठनों ने संयुक्त रूप से राज्य सरकार को पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंते हुए चालू माह के अंत तक सभी मांगों को पूरा करने की मांग की है। यह ज्ञापन गत 13 सितम्बर को सरकार को सौंपा गया।
अरुणाचल प्रेस में मंगलवार को यहां आयोजित एक संवादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए न्याशी एथनिक स्टूडेंट्स ऑफ अरुणाचल (एनईएसए) के अध्यक्ष ने ज्ञापन के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पहली मांग की गयी है कि राज्य सरकार चकमा और हाजोंग शरणार्थियों का निर्वासन अभियान कब और कहां से शुरू करेगी, इसका ब्यौरा लिखित में दिया जाए। क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री पेमा खांडू द्वारा लंबे समय से लंबित मुद्दे के स्थायी समाधान पर बयान दिया गया था। यह अरुणाचल प्रदेश के लोगों की लंबे समय से लंबित मांग है, इसलिए मुख्यमंत्री को अपनी बात रखनी चाहिए और राज्य के लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।
साथ ही असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा मुद्दे के समाधान की योजना पर श्वेत पत्र जारी करने और उचित सीमांकन के प्रामाणिक विवरण भी जारी करने मांग की गयी है।
तीसरी मांग में राजधानी क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के पैकेज-बी और सी का गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि इस सड़क निर्माण पर बिना किसी समझौता के साथ डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के दिशा निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। चातुम ने कहा कि आरओडब्ल्यू दिशा-निर्देशों के अनुसार राजमार्गों का निर्माण 40 मीटर चौड़ा बनाए रखने का आग्रह किया।
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री खांडू के आश्वासन को पूरा करने के चक्कर में इटानगर के चन्द्रनगर से पापुनालाह तक के एनएच 415 के पैकेज ए का निर्माण जल्दबाजी में बिना गुणवत्ता के किया गया है और डीपीआर के अनुसार निर्माण नहीं किया गया है, इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से एनएच 415 को चंद्रनगर से पापुनलाह तक की सड़क को संशोधित करने की मांग की। हाईवे के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी डीपीआर दिशा-निर्देशों के अनुसार करनी का आह्वान किया।
उन्होंने राज्य सरकार से उचित पार्किंग स्थल, ड्रेनेज सिस्टम, फुटपाथ, जेब्रा क्रॉसिंग लाइन, उचित ट्रैफिक सिग्नल पॉइंट, बस वेटिंग शेड आदि स्थापित करके स्मार्ट सिटी की सभी सुविधाएं प्रदान करने में अपनी शक्ति और तंत्र का उपयोग करने का आग्रह किया। साथ ही तत्काल राज्य के पंचायती राज के 29 विषयों को व्यवस्थित तरीके से लागू करने के साथ स्वीकृत राशि के विवरण का लिखित में देने तथा राज्य के वित्तीय वर्ष के बजट 2020-21 के व्यय का विवरण और अपडेट तत्काल प्रस्तुत करने की मांग की ताकि पारदर्शिता बनाई रखी जा सके।
संगठन में एनईएसए, अरुणाचल पीपुल्स फ्रंट (एपीएफ), अरुणाचल प्रदेश बांध-समर्थक आंदोलन (पीडीएमएपी), भ्रष्टाचार विरोधी फाउंडेशन (एसीएफ) और अरुणाचल प्रदेश भ्रष्टाचार विरोधी अपराध नियंत्रण समिति (एसीसीसीएपी) और अरुणाचल न्याशी संघ आदि शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार /तागू/ अरविंद