Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट एक्ट के लक्ष्य हासिल नहीं
रायपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। सरकार राजकोषीय घाटे को कम रखने के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाई है।प्रदेश सरकार का वर्ष 2018-19 में 683.76 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष वर्ष 2019-20 के दौरान 09 हजार 608 करोड़ 61 लाख रुपये के घाटे में बदल गया। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के वित्तीय लेखों (कैग) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। कांग्रेस की सरकार के ढाई साल पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के तीन प्रतिवेदन विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किए।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के ऑडिट के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2018-19 में 683.76 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष था जबकि 2019-20 के दौरान 9 हजार 608 करोड़ 61 लाख रुपये का घाटा हुआ है। यह फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट एक्ट के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाया। कानून के मुताबिक सरकार को राजकोषीय घाटे को कम रखने के लिए प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 3.50 प्रतिशत तक लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कैग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य का राजकोषीय घाटा 17 हजार 969 करोड़ 55 लाख रुपये का था। यह जी एस डी पी के 5.46 प्रतिशत था ,जो निर्धारित लक्ष्य 3.50 प्रतिशत से अधिक था। राज्य की पूंजीगत प्राप्तियां 2018-19 में 14 हजार 538 करोड़ 24 लाख रुपये से 5 हजार 310 करोड़ 90 लाख रुपये (36.53 प्रतिशत) बढ़कर 2019-20 में 19 हजार 849.14 करोड़ हो गई। इसका मुख्य कारण 11 हजार 680 करोड़ का बाजार ऋण था। इसकी वजह से सार्वजनिक ऋण प्राप्तियों में 5 हजार 217 करोड़ 43 लाख यानी करीब 36.30 प्रतिशत का इजाफा हुआ। यह सार्वजनिक ऋण का 58.84 प्रतिशत है।
केंद्रीय करो से 13.87 प्रतिशत राजस्व की कमी
कैग के अनुसार 2019-20 के दौरान राज्य सरकार को 63 हजार 868 करोड़ 70 लाख रुपये का राजस्व मिला। यह 2018-19 में मिले 65 हजार 94 करोड़ 93 लाख रुपए के राजस्व से 1 हजार 266 करोड़ 23 लाख रुपये यानी 1.88 प्रतिशत कम है। कैग ने बताया है कि कि इसका मुख्य कारण केंद्रीय करों और शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी कम होना है। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी कम होने से से 3 हजार 252 करोड़ 85 लाख रुपये राजस्व की कमी आई है जो 13.87 प्रतिशत है।कैग के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20के दौरान सरकार का राजस्व व्यय यानी वेतन-भत्ते और सब्सिडी आदि पर खर्च बढ़ा है। 2018-19 की तुलना में 2019-20 के दौरान 9 हजार 66 करोड़ 14 लाख रुपये की बढ़ोत्तरी है। वेतन और मजदूरी मद में 3 हजार 956 करोड़, पेंशन में 1 हजार 209 करोड़, ब्याज भुगतान में 1 हजार 318 करोड़ और सब्सिडी में 3 हजार 160 करोड़ का व्यय बढ़ा है।
हिन्दुस्थान समाचार/केशव शर्मा