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शहडोल, 06 दिसम्बर (हि.स.)। शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने संभाग के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारियों, महिला बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी एवं परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शीत लहर में किसी भी बच्चे की मृत्यु, निमोनिया अथवा अन्य बीमारियों से न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि, शीत लहर के दौरान बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जाए, इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए।
कमिश्नर राजीव शर्मा सोमवार को संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में संवेदना अभियान की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अधिकारी एवं कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शीत लहर से होनी वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करें, ऑगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों, किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को समुचित पोषण आहार मुहैया तथा संदर्भ सेवाएं मुहैया कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी एनआरसी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही सेवाओं को और अधिक से अधिक बेहतर बनाने के प्रयास करें।
कमिश्नर ने निर्देश दिए कि शहडोल संभाग के सभी एनआरसी केन्द्रों को रोचक बनाए। बैठक में मातृ वंदना एवं लाड़ली लक्ष्मी योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि, लाड़ली लक्ष्मी योजना में शहडोल शहरी परियोजना एवं बुढार शहरी परियोजना की प्रगति ठीक नही है। उन्होंने संबंधित क्षेत्र की परियेाजना अधिकारी को निर्देश दिए कि वे आगामी 10 दिवसों में स्थिति में सुधार लाए अन्यथा सख्त कार्यवाही की जाएगी। बैठक में ऑगनबाड़ी भवन निर्माण के समीक्षा के दौरान बताया गया कि शहडोल संभाग में आईएपी योजना के तहत स्वीकृत ऑगनबाड़ी भवन विगत कई वर्षों से अधूरे पड़े हैं। इस पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिए कि ऑगनबाड़ी केन्द्र किन कारणों से अधूरे पड़े हैं, इसके लिए जवाबदेह अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए तथा जन सुनवाई के बाद हर मंगलवार को इसकी समीक्षा की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश