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रायपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)।मुख्यमंत्री ने कहा कि परिस्थितियाँ चाहें जैसी भी हों छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों और ग्रामीणों के हित में लिए गए निर्णय पर अडिग रहेगी। छत्तीसगढ़ के किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, महिलाओं सहित सभी वर्गों को खुशहाल और स्वावलंबी बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, बारदाने की आपूर्ति, कस्टम मिलिंग सहित कई अड़चनें केन्द्र सरकार द्वारा जानबूझकर पैदा की जा रही हैं, इसके बावजूद भी हम किसानों के हित पर आंच नहीं आने देंगे और राज्य में धान समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित किसान सम्मेलन एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।
अनुरूप छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव की हो रही स्थापना
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, अभी कुछ दिन उनकी सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। यह सफर हमने छत्तीसगढ़ के हर वर्ग और समुदाय के लोगों के साथ मिलकर पूरा किया है। किसानों की ऋणमाफी, सिंचाई कर की माफी के साथ-साथ अपने वायदे के मुताबिक समर्थन मूल्य पर धान की लगातार खरीद कर रहे हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कृषक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने, फसल उत्पादकता बढ़ाने एवं फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को आदान सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा धान खरीद के लिए भारत सरकार से 5.25 लाख गठान बारदाने की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक राज्य को एक लाख गठान बारदाने भी नहीं मिल पाए हैं।मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य से इस साल केन्द्र सरकार ने उसना चावल लेने से इनकार कर दिया है। केन्द्र सरकार का यह फैसला छत्तीसगढ़ के किसानों, मिलर्स एवं मजदूरों के हक में सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है जहां कोदो-कुटकी और रागी की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था हमने की है। राज्य सरकार द्वारा इसका समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने के अनुरूप हम छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से सुराजी गांव की स्थापना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में गौ-माता की सेवा और जतन के लिए 7777 गौठान स्थापित किए जा चुके हैं। इन गौठानों में 2 रुपए किलो में गोबर की खरीद की जा रही है। अब तक 57 लाख क्विंटल गोबर की खरीद कर हमने पशुपालक किसानों और ग्रामीणों को 114 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। गौठानों में गोबर से हमारी महिला समूह की बहनें वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट बना रही हैं। उन्होंने कहा कि डिमांड के अनुरूप केवल 70 प्रतिशत डीएपी ही छत्तीसगढ़ को मिल पायी, लेकिन इसकी कमी को हमने गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट से पूरा किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के उन्नतशील कृषकों एवं कृषि एवं उससे संबद्ध उत्पादन एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले स्व-सहायता समूहों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया। इस अवसर कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक कृषि यशवंत कुमार, जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा