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नैपीटॉ, 6 दिसंबर (हि.स.)। म्यांमार की राजधानी नैपीटॉ स्थित विशेष अदालत ने सोमवार को आंग सान सू की को चार साल की सजा सुनाई है। सू की को कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने और सेना से खिलाफ असंतोष फैलाने के मामले में दोषी करार दिया गया है।
सैन्य सरकार के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने बताया है, ‘सू की को धारा 505 (बी) के तहत दो साल की कैद और प्राकृतिक आपदा कानून के तहत दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है। कुल मिलाकर चार साल की जेल हुई है लेकिन उन्हें अभी जेल नहीं ले जाया जाएगा।"
दरअसल म्यांमार के संविधान के मुताबिक किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल जाने वाले शख्स को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। इसके अलावा वह किसी संवैधानिक पद पर भी नहीं बैठ सकता है।
उल्लेखनीय है कि म्यांमार में 1 फरवरी को सू की को सैन्य तख्ता पलट के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। सू की 76 साल की हैं। इसके बाद एक साल की इमरजेंसी भी लगा दी गई थी। तख्ता पलट के बाद देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। इन लोगों की आवाज दबाने के लिए सेना ने हिंसक तरीकों का प्रयोग किया। इस दौरान 1300 से अधिक लोगों की मौत भी हो गई। देश में कई स्थानों पर अब भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/सुप्रभा/दधिबल