Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
अजमेर, 25 नवम्बर(हि.स.)। अजमेर के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के ऑफिस सुपरिटेंडेंट सहीराम मीणा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं। सहीराम मीणा को एसीबी ने एक कर्मचारी के ट्रांसफर कराने की एवज में 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपी सहीराम मीणा को एसीबी की अदालत में पेश किया गया जहां से न्यायाधीश ने 8 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए।
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के ऑफिस सुपरिटेंडेट अधिकारी सहीराम मीणा ने परिवादी रेलवे कर्मचारी सावलराम मीणा का तबादला करवाने की एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद 80 हजार में मामला तय हुआ 40 हजार रुपये आरोपी पहले ले चुका था, मंगलवार को दूसरी किस्त अदायगी करते हुए जैसे ही परिवादी ने 40 हजार रुपये सहीराम को दिए उसी समय एसीबी की टीम ने उसे ट्रेप कर लिया। आरोपी सहीराम के निवास स्थान बैंक आदि की भी तलाशी ली गई, जहां से कुछ जमीनों और मकान के कागजात मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है। एसीबी की अदालत में पेशी पर आए आरोपी सहीराम मीणा ने मीडिया को बताया कि उसे जबरन झूठे मामले में फंसा जा रहा है, जबकि मामला ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे एम्पलाइज एसोसिएशन के सचिव पद पर काबिज होने का है, जिस पर वह मौजूदा समय में सचिव हैं, जबकि सावलराम मीणा ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे एम्पलाइज एसोसिएशन का सचिव बनना चाहता है, जिसके लिए वह पहले भी पैसे का प्रलोभन दे चुका है जिसे ठुकरा दिया था, आखिर उसने रिश्वत के झूठे मामले में फंसा कर बदनाम करने की कोशिश की है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विशिष्ट लोक अभियोजक सत्यनारायण सितारा ने बताया कि रिश्वत के आरोपी सहीराम मीणा को अदालत में पेश किया गया, जिसके लिए एसीबी ने रिमांड मांगा था लेकिन अदालत ने उसे 8 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश जारी कर दिए।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर