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“निर्भीक, महत्वाकांक्षी और अजेय भारत” के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनें युवा : अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला
लखनऊ, 09 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों से कहा कि उपाधि के साथ एक नए दायित्व का भी संचार होता है। स्नातक केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए आशा का संदेशवाहक होता है। शिक्षा और विज्ञान का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि मानवता की सेवा, नवाचार और राष्ट्र के उत्थान में होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का दीपक है जो प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन को आलोकित कर राष्ट्र को रोशन करता है। यह अवसर विद्यार्थियों के लिए आत्ममंथन और संकल्प का है कि वे अपने अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्रहित में करें और भारत की गरिमा को वैश्विक पटल पर और प्रखर बनाएं।
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। कुलाधिपति ने छात्र-छात्राओं को 55,634 उपाधियां एवं कुल 88 पदक प्रदान किए, जिनमें 35 स्वर्ण पदक, 26 रजत पदक तथा 25 कांस्य पदक शामिल रहे।
राज्यपाल ने तकनीकी युग की आवश्यकताओं के अनुरूप ब्लॉकचेन आधारित डिजिलॉकर में सभी उपाधियों का समावेश किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने गगनयात्री शुभांशु शुक्ला को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्रगौरव और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी विश्वविद्यालय का केवल औपचारिक आयोजन नहीं होता, बल्कि यह संस्था की शैक्षणिक यात्रा का उज्ज्वल पड़ाव होता है। यह दिन विश्वविद्यालय के लिए गौरव का और छात्र-छात्राओं के जीवन का अविस्मरणीय क्षण है।
उन्होंने बताया कि उपाधियाँ वितरित की गई हैं, जिनमें 70 प्रतिशत छात्र और 30 प्रतिशत छात्राएँ हैं। लम्बे समय के बाद छात्रों की संख्या छात्राओं से अधिक होना यह इंगित करता है कि तकनीकी क्षेत्र में छात्राओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने छात्राओं से विशेष रूप से अपील की कि वे भी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे आएँ और अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करें।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में गगनयात्री शुभांशु शुक्ला की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनका जीवन दृढ़ संकल्प और ऊंची सोच से लक्ष्य प्राप्त करने का उदाहरण है। उनकी उपलब्धियाँ प्रत्येक भारतीय को गर्वित करती हैं और उनकी उपस्थिति नवप्रवेशी स्नातकों के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष अनुसंधान और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में विज्ञान ने नई क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प नवाचार और उद्यमिता से जुड़कर मूर्त रूप ले रहा है।
उन्होंने केन्द्र सरकार के बजट 2025-26 का उल्लेख करते हुए कहा कि आगामी पाँच वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स सरकारी स्कूलों में स्थापित की जाएंगी, जिससे बच्चों की रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन मिलेगा। भारतनेट परियोजना के अंतर्गत गाँव-गाँव तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुँचेगी। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के लिए पाँच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएँगे तथा एआई में उत्कृष्टता केंद्र के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी की सफलता के पीछे उसके माता-पिता का विशेष योगदान होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में चाहे जहाँ भी रहें और जिस भी ऊँचाई को प्राप्त करें, अपने माता-पिता को सम्मान देना उनका नैतिक कर्तव्य है। माता का योगदान पिता से भी अधिक होता है, क्योंकि वह संतान के जीवन में सबसे पहला संस्कार देती है और जीवन भर उसके विकास में सहायक रहती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपनी उपलब्धियों का श्रेय माता-पिता को अवश्य दें और उन्हें सदैव आदर व सम्मान प्रदान करें।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के गोद लिए गए गांवों के विद्यालयों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। प्राथमिक विद्यालय में विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित आईसीटी इनेबल्ड क्लासरूम का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट शिक्षकों को “श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान” प्रदान किया। साथ ही, नवाचार एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड भी वितरित किया। विश्वविद्यालय की प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन भी राज्यपाल ने किया तथा सीतापुर जनपद के संयुक्त मजिस्ट्रेट को राजभवन की तरफ से पुस्तकें भेंट की।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने 20 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि इस मिशन में वे केवल भारत का तिरंगा ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाएं भी अपने साथ लेकर गए। इस मिशन में पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिज़ाइन किए गए सूक्ष्मगुरुत्वाकर्षण संबंधी प्रयोग अंतरिक्ष में सम्पन्न हुए। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि धैर्य, अनुशासन, साहस और टीमवर्क ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने अपने प्रक्षेपण (लॉन्च), माइक्रोग्रैविटी में जीवन, और पृथ्वी पर वापसी की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए संदेश दिया कि कठिनाइयों और भय के बावजूद आगे बढ़ना ही सच्चा साहस है।
उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे एक “निर्भीक, महत्वाकांक्षी और अजेय भारत” के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनें। परिवर्तन जीवन का सबसे बड़ा सत्य है और इसे अपनाने वाले ही भविष्य के निर्माता होते हैं। टीमवर्क के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि सफलता कभी अकेले की नहीं होती, बल्कि सामूहिक प्रयासों से असंभव भी संभव होता है। कठिन परिश्रम और अनुशासन के बीच भी जीवन का आनंद लेना आवश्यक है। भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ की स्थापना और 2040 तक भारतीय द्वारा चंद्रमा पर कदम रखने का लक्ष्य है, जिसमें आज के स्नातक विद्यार्थी भी सहभागी बनेंगे।
दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने छात्र-छात्राओं को हार्दिक बधाई दी और कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में प्रदेश के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सकारात्मक परिवर्तन परिलक्षित हो रहा है। उन्होंने घोषणा की है कि कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के माध्यम से एआई सम्बंधित एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी डिग्री का उपयोग केवल व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित न रखें, बल्कि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग प्रदेश और राष्ट्र के विकास में करें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जय प्रकाश पाण्डेय, कुलसचिव केशव सिंह, समस्त संकायाध्यक्ष, जिला प्रशासन के अधिकारी, आमंत्रित अतिथिगण, शिक्षकगण, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियाँ व विभिन्न विद्यालयों के बच्चों सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक