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उत्तरकाशी, 8 सितंबर (हि.स.)। मानसून सीजन की अब विदाई होने जा रही लेकिन गंगोत्री हाईवे धरासू नालूपानी में भूधंसाव और भूस्खलन का दौर जारी है। जिससे लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
सोमवार को दोपहर चार बजे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नालूपानी में भारी भूस्खलन से सड़क प पूरा 'पहाड़' आ गिरा है जिससे हाईवे पर दोनों ओर से देर रात्रि तक वाहनों की लंबी कतारें लगी थी। लोग हाईवे खुलने के इंतजार में बैठे हैं।
इधर जिला परिचालन केंद्र उत्तरकाशी ने बताया कि बीआरओ की मशीनें दोनों तरफ से कार्य में जुटे है। मार्ग को खोलने में 3- 4 घंटे लगने की संभावना है ।गौरतलब है कि इस बरसाती सीजन में दरकता गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग आपदा से बेहाल नजर आ रहा है। जगह-जगह भूधंसाव और भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे पर आवागमन जोखिम भरा होने के साथ ही भागीरथी घाटी में भारी मुश्किल हालात का कारण बना है। खासकर आपदा के एक माह से अधिक समय के बाद भी धराली पहुंच से दूर है।
इसके चलते गंगोत्री धाम की यात्रा भी ठप पड़ी है। नलूणा में पिछले दो दिन से मार्ग भारी भूस्खलन होने के कारण बंद है। बरसाती सीजन में गंगोत्री राजमार्ग पर भूस्खलन और भूधंसाव ने जमकर कहर बरपाया। हर्षिल-धराली में तेलगाड़ और खीर गंगा की बाढ़ भी हाईवे की बदहाली का कारण बना है।
इस बार धरासू से लेकर हर्षिल तक गंगोत्री हाईवे पर लैंडस्लाइड की ऐसी मार पड़ी कि अब तक भी स्थिति पटरी पर नहीं लौट सकी। डबरानी से लेकर सोनगाड़ के बीच बंद सड़क ने गंगोत्री हाईवे पर यातायात को सबसे अधिक प्रभावित रखा। गंगोत्री नेशनल हाईवे पर पर धरासू ,नालूपानी, रतूड़ीसेरा, बंदरकोट, नेताला, नलूणा, डबरानी, सोनगाड़ आदि सबसे संवेदनशील भूस्खलन प्रभावित जगह हैं। नालूपानी और नलूणा सबसे संवेदनशील है, जहां बिन बारिश भी पहाड़ी से मलबा गिरता रहता है। नलूणा में पिछले दिनों से भूस्खलन होने के कारण बार बार बंद हो रहा है। सड़क मार्ग के बंद होने से लोग परेशानी में है।
हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल