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मुंबई, 8 सितंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के 176 फार्मेसी
कॉलेजों पर तलवार लटकने लगी है। डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए आवश्यक
सुविधाओं की कमी के कारण उनकी मान्यता खतरे में पड़ गई है। इस संबंध में तकनीकी
शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों की सूची जारी की है।
तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में राज्य के उन कॉलेजों
की सूची जारी की है, जिन्हें सुविधाओं की कमी के कारण अगस्त महीने में नोटिस भेजा
गया था। मुंबई विभाग के 27 कॉलेजों में आवश्यक सुविधाओं का अभाव पाया गया है। इसमें
डिग्री पाठ्यक्रमों के 14 और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के 13 कॉलेज शामिल हैं। ठाणे
जिले के 15 कॉलेजों में से 7 डिग्री पाठ्यक्रमों और 8 कॉलेज डिप्लोमा पाठ्यक्रमों
के हैं। पालघर में डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के 5 कॉलेज हैं। रायगढ़ और
रत्नागिरी में तीन-तीन कॉलेज और सिंधुदुर्ग में एक डिग्री कॉलेज में सुविधाओं का
अभाव है। पुणे में 21 डिग्री पाठ्यक्रम और 6 डिग्री पाठ्यक्रम के हैं. नाशिक में
16 और अमरावती में 4 डिग्री कॉलेजों में सुविधाओं का अभाव है। इसी तरह छत्रपति
संभाजी नगर में सबसे अधिक 60 कॉलेज हैं. इनमें से 55 डिप्लोमा पाठ्यक्रम और 5 डिग्री
पाठ्यक्रमों के हैं। नागपुर में कुल
42 कॉलेज हैं, जिनमें 39 डिप्लोमा पाठ्यक्रम और 3 डिग्री पाठ्यक्रमों के
हैं।
फार्मेसी
कॉलेजों में अग्नि सुरक्षा, अधिभोग प्रमाणपत्र का अभाव, प्रयोगशालाओं की
कम संख्या और पीसीआई के निर्धारित मानदंडों से कम कर्मचारियों जैसी कई कमियां पाई
गई हैं। सूबे में 2022-23 और 2024-25 के बीच फार्मेसी कॉलेजों की संख्या में
उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इनमें से राज्य में डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए 92 और
डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए 220 कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। संज्ञान में आया है
कि इन कॉलेजों में फार्मास्युटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के मानदंडों के
अनुसार आवश्यक सुविधाओं का अभाव है. इस मामले मेंजब उच्च व तकनीकी
शिक्षा विभाग ने तकनीकी शिक्षा निदेशालय और महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड
के माध्यम से निरीक्षण किया, तो पाया गया कि डिग्री पाठ्यक्रमों के 92 में
से 48 कॉलेज और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के 220 में से 128 कॉलेज पात्रता मानदंडों को
पूरा नहीं करते थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार