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मुंबई, 8 सितंबर, (हि. स.)। संत शिरोमणि आध्यात्मिक गुरु डॉ. राजेन्द्र जी महाराज रविवार को ब्रह्मलीन होकर परमधाम को प्रस्थान कर गए। सोमवार को प्रातः उनके निवास गुरु महिमा, साई बाबा पार्क, मालाड (पश्चिम) से हिंदू श्मशान भूमि, मालाड पश्चिम तक शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों भक्त और अनुयायी शामिल हुए। आध्यात्मिक गुरु राजेंद्र महाराज के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए सांसद पीयूष गोयल, पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, विधायक विद्या ठाकुर, विनोद शेलार, असलम शेख तथा कई व्यवसायी और समाजसेवक पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. राजेन्द्र जी महाराज ने मुंबई के वी.जे.टी.आई. इंजीनियरिंग कॉलेज से बीई की डिग्री प्राप्त की और शिक्षा व विज्ञान को अध्यात्म से जोड़ा। उन्होंने पांच हजार से अधिक सत्संग सभाओं के माध्यम से लाखों श्रद्धालुओं को साधना और सेवा का संदेश दिया। अमृतवाणी सत्संग कार्यक्रम के माध्यम से उनका मार्गदर्शन देश और विदेश तक पहुंचता रहा। अपने मंत्र हैव फेथ इन योर फेथ के माध्यम से उन्होंने पूरे संसार को संदेश दिया। उन्होंने व्हाइट फ्लावर' और बिखरें अनमोल होकर' ग्रंथ का लेखन किया है। आध्यात्मिक गुरु राजेंद्र महाराज को सन 2019 में राजस्थान के जगदीश झाबरमल तिबड़ेवाल यूनिवर्सिटी, झुंझुनूं द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने अपने राजनीतिक कार्यकाल के दौरान राजभवन में गुरु राजेंद्र महाराज को भारत गौरव सम्मान प्रदान किया था। उनका जीवन धर्म, अध्यात्म और करुणा का अनुपम उदाहरण रहा। वे पिछले पचास वर्ष से अमृत वाणी कर जनमानस का कल्याण कर रहे थे। उन्होंने सन 2001 में मालाड पश्चिम के ऑरलम स्थित अमोघ धाम की स्थापना की थी। जहां प्रत्येक रविवार को सत्संग किया जाता है। उनकी अमृत वाणी को सुनने के लिए दूर-दूर से सभी धर्म और समाज के लोग पहुंचते थे।
हिन्दुस्थान समाचार / कुमार