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शिवपुरी, 8 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में सोमवार को पहली बार किसी देहदान करने वाले को राजकीय सम्मान दिया गया। 78 वर्षीय दिवंगत सरोज मदान, दिवंगत सरोज पेशे से शिक्षिका रहीं थीं एवं दिवंगत सरोज के पति गुलशन मदान रोडवेज में कार्यरत रहे थे। दिवंगत सरोज के पार्थिव देह को उनकी चारों पुत्री कुसुम ,विनीता मदान, पुनीता भुगड़ा, तृप्ति अरोरा और परिजनों ने श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी को समर्पित किया।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन के आदेश पर दिवंगत सरोज को शिवपुरी पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ के निर्देशन में पुलिस फोर्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के इतिहास में यह पहला अवसर रहा, जब किसी मृत देह को राजकीय सम्मान मिला।
कार्यक्रम में श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय अधिष्ठाता डॉ. डी.परमहंस, मानव शरीर रचना विभागाध्यक्ष डॉ. ईला गुजारिया ,अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि ,कम्यूनिटी मेडिसिन विभागायध्यक्ष डॉ. राजेश अहिरवार, डॉक्टर जितेश गुजारिया, डॉक्टर मुकेश मित्तल,डॉ. विवेक कुमार, डॉक्टर अजितेश यादव, डॉक्टर ललिता, डॉक्टर उमेश, डॉक्टर दायिन मंजूर, सहा. पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित वरिष्ठ चिकित्सकों, एमबीबीएस छात्र- छात्राओं और कर्मचारियों ने पार्थिव देह को सम्मानपूर्वक ग्रहण किया।
दिवंगत सरोज मदान के पार्थिव देह को बेटियों द्वारा मेडिकल कॉलेज को समर्पित करने को लेकर अधिष्ठाता डॉक्टर डी.परमहंस ने परिवार को इस दुख की घड़ी में ढांढस बंधाते हुए उनके इस निर्णय की सराहना की और हमेशा परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इस दौरान दिवंगत सरोज की बेटी पुनीता ने बताया कि उनकी मां ने 2017 में देहदान करने का निर्णय लिया था। इसी के चलते 'दधीचि' देहदान समिति गुना में मां के देहदान का पंजीकरण कराया था। बेटी विनिता का यह भी कहना था कि मां शिक्षिका के साथ हमेशा से ही सेवा भाव वाली रहीं हैं, मां का कहना था कि देहदान के बाद हमारा शरीर किसी के काम आ सके। देहदान मां की अंतिम इच्छा भी थी जो हमने पूरी की इसी से प्रेरित होकर बेटी विनिता ने भी देहदान का निर्णय लिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / युगल किशोर शर्मा