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देहरादून, 8 सितंबर (हि.स.)। हरिद्वार स्थित उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें मीमांसा दर्शन पर आधारित पुस्तकें भेंट कीं।
इस माैके पर कुलपति शारूत्री ने राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से मीमांसा दर्शन की प्रथम हिन्दी व्याख्या, जिसे पंडित गंगा प्रसाद उपाध्याय ने बीसवीं शताब्दी के मध्य में लिखा था, का सम्पादन कर लगभग दो हजार पृष्ठों में चार भागों में प्रकाशित किया गया है। इस कार्य को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के आर्थिक सहयोग से पूर्ण किया गया है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय दर्शन और संस्कृति को समझने के लिए ऐसे शोधग्रंथ अत्यंत उपयोगी हैं। यह कार्य आने वाली पीढ़ियों को ज्ञान और प्रेरणा प्रदान करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार