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नई दिल्ली, 08 सितंबर (हि.स.)। मैट्रेस इंडस्ट्री के लिए खास तरह के फैब्रिक तैयार करने वाली कंपनी रचित प्रिंट्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को काफी निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 149 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 119.20 रुपये के स्तर पर हुई। कमजोर लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कंपनी के शेयरों के भाव में और गिरावट आ गई। पहले एक घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10ः15 बजे कंपनी के शेयर 114 रुपये के स्तर पर बने हुए थे। इस तरह अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 23.49 प्रतिशत का नुकसान हो चुका है।
रचित प्रिंट्स का 19.50 करोड़ रुपये का आईपीओ 1 से 3 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.97 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.01 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 1.25 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 2.74 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 13.09 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी प्लांट और मशीनरी की खरीदारी करने, पुराने कर्ज को कम करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 32 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2.03 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 4.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 12 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 41.78 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 14.79 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में घट कर 6.38 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज एक बार फिर बढ़ कर 9.23 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक