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मीरजापुर, 8 सितंबर (हि.स.)। पूर्व माध्यमिक विद्यालय छोटा मिर्जापुर में सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को साक्षरता के महत्व के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की बुनियादी आवश्यकता है। जब तक कोई व्यक्ति साक्षर नहीं होगा, वह समाज में बदलाव लाने या अपने अधिकारों को जानने में सक्षम नहीं हो सकेगा। अशिक्षा हमेशा उसे कमजोर बनाती है और उसके साथ छल होने की संभावना बनी रहती है।
प्रधानाचार्य ने बताया कि साक्षरता व्यक्ति को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाती है। इससे न केवल जीवन स्तर में सुधार होता है बल्कि व्यक्ति अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने में भी सक्षम बनता है। उन्होंने वैश्विक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर साक्षरता दर 86 प्रतिशत है, फिर भी करीब 75 करोड़ वयस्क अशिक्षित हैं, जिनमें से दो-तिहाई महिलाएं हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे स्वयं शिक्षित बनकर समाज में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दें और दूसरों को भी साक्षर बनाने का प्रयास करें। कार्यक्रम में शिक्षकों व विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा