नेपाल में उग्र प्रदर्शन के बीच बिहार के सीमावर्ती जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा
पटना/अररिया/पू.चंपारण, 08 सितम्बर (हि.स.)। नेपाल में सरकार के खिलाफ चल रहे उग्र प्रदर्शन के मद्देनजर बिहार के सीमवर्ती सात (07) जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों और थानेदारों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। नेपा
अररिया फोटो:बॉर्डर पर प्रदर्शन


अररिया फोटो:बॉर्डर पर पुलिस बल


अररिया फोटो:एसएसबी की गश्ती


पटना/अररिया/पू.चंपारण, 08 सितम्बर (हि.स.)। नेपाल में सरकार के खिलाफ चल रहे उग्र प्रदर्शन के मद्देनजर बिहार के सीमवर्ती सात (07) जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों और थानेदारों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।

नेपाल में सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं। पुलिस और जनता के बीच संघर्ष जारी है। पुलिस की ओर से की गयी फायरिंग में अबतक 16 लोगों की मौत भी हुई है। पड़ोसी देश में जारी संघर्ष के बीच बिहार के सीमावर्ती जिले पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल, पूर्वी चंपारण, किशनगंज की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गयी है। सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है।

दरअसल, नेपाल में इंटरनेट मीडिया और 26 प्रकार के एप बंद होने से भारत-नेपाल के बीच बेटी-रोटी के रिश्ते में खलल पड़ गया है। मैनाटांड़ के दो दर्जन से अधिक मजदूर नेपाल में रोजगार करने के लिए गए हैं, जिनका उनके परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा है। बिहार के दरभंगा जिले के बैदौली गांव के करीब 50 लोग जो सुनसरी जिला मुख्यालय के इनरवा में रहकर अपना व्यावसाय चलाते हैं। उनके परिजन भी उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं। इस बाबत बैदौली निवासी राजमोहन झा ने बातचीत में बताया कि उनकी दो बहनों की नेपाल में शादी है, जिससे उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।

नेपाल के चंरगाहा के इंटरनेट यूजर्स महेंद्र साह कलवार, ,पहलाद साह ,राघव साह का कहना है कि नेपाल सरकार ने बिना ठोस कारण बताए यह कदम उठाया है, जिससे उनका निजी और व्यावसायिक जीवन प्रभावित हो रहा है। खासकर विदेशों में काम करने वाले नेपाली प्रवासी और भारत से जुड़े लोग अधिक परेशान हैं। भारत से नेपाल फोन करने पर एक मिनट का खर्च 12 रुपये आता है। ऐसे में लगातार बात करना महंगा साबित हो रहा है। नेपाल के होटलों, टूर एंड ट्रेवल्स और अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि भारतीय ग्राहकों तक पहुंच बनाने और संपर्क बनाए रखने में उन्हें दिक्कत हो रही है।

भारतीय सीमा से सटे नेपाल के विराटनगर, इटहरी, दुहबी,कप्तानगंज, दीवानगंज, राजविराज, धरान,बीरगंज आदि शहरों में युवाओं ने उग्र प्रदर्शन किया। जोगबनी सीमा पर भी युवाओं को द्वारा सरकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके कारण भारतीय सीमा क्षेत्र में सुरक्षा में लगे सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जवानों और थाना पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन जेन जी के बैनरतले किया जा रहा है।

हजारों की संख्या में जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के विराटनगर में कोसी प्रदेश के राजधानी में प्रदेश सभा भवन के आगे सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाए गए बेरिकेट को युवाओं के समूह ने तोड़ दिया और उग्र प्रदर्शन किया। इससे पूर्व अस्पताल चौक पर पुलिस और प्रदर्शनकारी के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद आंदोलनकारी गोलबंद होते हुए फिर से प्रदेश सभा परिसर के आगे जमा हो गए और प्रदर्शन करने लगे। जोगबनी -विराटनगर रोड पर भी प्रदर्शनकारी दिनभर डटे रहे। महानगरपालिका के आगे पत्थरबाजी की पुष्टि मोरंग पुलिस कंट्रोल रूम ने भी की। नेपाल में स्थिति तनावपूर्ण रहने के कारण अतिरिक्त सुरक्षा बल के साथ सेना को सड़क पर उतार दिया गया है।

नेपाल में जारी आंदोलन को लेकर अररिया के पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार ने सीमा क्षेत्र के सभी थाना और आउट पोस्ट को हाई अलर्ट किया है। वहीं एसएसबी को भी अलर्ट मोड में रहते हुए नेपाल की स्थिति पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। मामले को लेकर अररिया एसपी अंजनी कुमार ने कहा कि नेपाल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सीमा से लगने वाले सभी थानों के थानाध्यक्षों को हाई अलर्ट पर रहने की हिदायत के साथ सीमा क्षेत्र में गश्ती लगातार जारी रखने को कहा गया है। थानाध्यक्षों को सीमा सुरक्षा में लगे एसएसबी के साथ भी समन्वय बनाकर काम करने को निर्देशित किया गया है।

एसएसबी 52वीं बटालियन के कमांडेंट महेन्द्र प्रताप ने नेपाल में जारी हिंसक आंदोलन को लेकर सीमा की सभी बाह्य चौकी को अलर्ट रहने को निर्देशित करने की बात कही गई है। नेपाल से हरेक आने जाने वालों पर कड़ी निगरानी की साथ उनके समानों की सघन जांच करवाया जा रहा है।साथ ही खुली सीमा क्षेत्र में गश्ती को तेज किया गया है।

उल्लेखनीय हो कि नेपाल में यह विरोध प्रदर्शन नेपाल सरकार के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने उन प्लेटफॉर्म्स को बंद कर दिया है, जिन्होंने पंजीकरण के लिए दी गई समय-सीमा का पालन नहीं किया।-------------

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर