छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
हरिद्वार, 8 सितंबर (हि.स.)। रुड़की में करीब एक साल पहले हुई जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की मौत के मामले में तीन नामजद समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। वसीम का शव माधोपुर गांव के तालाब में संदिग्ध अवस्था में मिला था। गौर
कोर्ट का आदेश


हरिद्वार, 8 सितंबर (हि.स.)। रुड़की में करीब एक साल पहले हुई जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की मौत के मामले में तीन नामजद समेत 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। वसीम का शव माधोपुर गांव के तालाब में संदिग्ध अवस्था में मिला था।

गौरतलब है कि 24/25 अगस्त 2024 की रात सोहलपुर गाड़ा गांव निवासी जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की माधोपुर गांव के तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। वसीम के परिजनों ने उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए गौ संरक्षण स्क्वायड की टीम को इसका जिम्मेदार ठहराया था। मृतक के चचेरे भाई अल्लाउद्दीन ने हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक याचिका दायर की थी। अल्लाउद्दीन का आरोप है कि गांव के कुछ ग्रामीणों ने टॉर्च की रोशनी में पूरी घटना देखी। उन्होंने वसीम को बचाने की कोशिश भी की लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें गोली मारने की धमकी देकर वहां से भगा दिया। अगले दिन वसीम का शव तालाब से मिला। शरीर पर चोट के निशान भी थे। परिजनों की शिकायत पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।

इसके बाद परिजनों ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सीजेएम कोर्ट ने वसीम के चचेरे भाई के प्रार्थना पत्र पर 3 नामजद उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, कांस्टेबल प्रवीण सैनी समेत अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ 24 घंटों के भीतर गंगनहर कोतवाली पुलिस को संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।

कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल को इस प्रकरण की सीओ रैंक के अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने के आदेश भी दिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडीजे कोर्ट राकेश कुमार सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गौ संरक्षण स्क्वायड टीम के रिवीजन को खारिज कर दिया। गंगनहर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर इस मामले में तीन नामजद समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी देहात शेखर सुयाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला