यूकॉस्ट में टेलिस्कोप के माध्यम से छात्राें व आमजन ने देखा चंद्र ग्रहण
देहरादून, 8 सितंबर (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य विज्ञान शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की ओर से रविवार की रात आंचलिक विज्ञान केंद्र में छात्राें और आमजन काे टेलिस्कोप के माध्यम से पूर्ण चंद्र ग्रहण का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया गया। यूकॉस्ट के महान
उत टेलिस्कोप के माध्यम से ग्रहण का अवलोकन करते।


यूकॉस्ट में छात्र टेलिस्कोप से ग्रहण देखते छात्र।


देहरादून, 8 सितंबर (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य विज्ञान शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) की ओर से रविवार की रात आंचलिक विज्ञान केंद्र में छात्राें और आमजन काे टेलिस्कोप के माध्यम से पूर्ण चंद्र ग्रहण का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया गया।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि आंचलिक विज्ञान केंद्र में एक विशेष खगोलीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभिन्न क्षेत्रों से आए छात्र-छात्राओं और आमजन को टेलिस्कोप के माध्यम से चंद्र ग्रहण का प्रत्यक्ष दुर्लभ खगोलीय घटना का अनुभव किया। इस माैके पर महानिदेशक पंत ने कहा कि खगोलीय घटनाएं न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करती हैं, बल्कि नई पीढ़ी में जिज्ञासा और शोध की भावना को भी प्रोत्साहित करती हैं। ऐसे कार्यक्रम विज्ञान को आमजन तक पहुंचाने और बच्चों में विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

आंचलिक विज्ञान केंद्र के प्रभारी एवं यूकास्ट वैज्ञानिक डॉ. ओमप्रकाश नौटियाल ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टेलिस्कोप से ग्रहण का प्रत्यक्ष अवलोकन विद्यार्थियों को विज्ञान से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने आगे बताया कि विज्ञान केंद्र लगातार जनमानस को वैज्ञानिक घटनाओं से परिचित कराने और उन्हें प्रेरित करने के लिए कार्यरत है। टेक्नो हब की निदेशक डॉ. रीमा पंत ने एक बयान जारी कर विज्ञान एवं तकनीक को युवा पीढ़ी की शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए नवाचार और अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया। पेल ब्लू डॉट की संस्थापक श्वेता ध्यानी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में रचनात्मकता और जिज्ञासा को पंख देते हैं।

उत्तराखंड शासन में अपर सचिव नवनीत पांडे ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि खगोलीय घटनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान से जोड़ने की यह पहल प्रदेश में वैज्ञानिक सोच को गहराई तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम का संचालन यूकास्ट वैज्ञानिक डॉ. ओमप्रकाश नौटियाल की ओर से किया गया। इस खगोलीय कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग एक साै प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और जाे पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखकर रोमांचित हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार