वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत एकजुट, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर फोकस जरूरी: गोयल
- कहा, जीएसटी दरों में कटौती और सुधारों से घरेलू मांग बढ़ेगी, भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर नई दिल्‍ली, 08 सितंबर (हि.स)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि वैश्विक परिस्थिति में चाहे कितनी भी बड़ी समस्या
56वें ईईपीसी इंडिया राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को संबोधित करते पीयूष गोयल


56वें ईईपीसी इंडिया राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को संबोधित करते पीयूष गोयल


56वें ईईपीसी इंडिया राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को संबोधित करते पीयूष गोयल


- कहा, जीएसटी दरों में कटौती और सुधारों से घरेलू मांग बढ़ेगी, भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर

नई दिल्‍ली, 08 सितंबर (हि.स)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि वैश्विक परिस्थिति में चाहे कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न आ जाए, भारत एक राष्ट्र के रूप में एकजुट है। उन्होंने आगे कहा कि देश में किसी भी संकट से निपटने की क्षमता है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आज यहां विज्ञान भवन में इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के 56वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। गोयल ने कहा कि वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती और सुधारों से घरेलू मांग बढ़ेगी। भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार वर्षों से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहा है। पिछली तिमाही में देश ने 7.8 फीसदी की जीडीपी वृद्धि दर हासिल की है, जिसे उन्‍होंने विश्व रिकॉर्ड बताया।

गोयल ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि व्यवसायों को स्वदेशी उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल भारत के विकास में मदद मिलेगी, बल्कि देश की वित्तीय सुरक्षा भी मजबूत होगी। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत एकजुट है, इसलिए स्वदेशी अपनाने पर ध्यान देना आवश्यक है। केंद्रीय मंत्री ने आगाह किया कि कोई भी देश निर्यात नियंत्रण लगा सकता है या महत्वपूर्ण उत्पादों को भारत पहुंचने से रोक सकता है, जिससे व्यवसायों के लिए बाधाएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। गोयल ने इसे एक ऐसा आह्वान बताया, जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अपने संबोधन में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात और पिछले दशकों में हुई प्रगति के बारे में बात की। राष्ट्रपति ने देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने और भारत की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने में निर्यात के महत्व पर जोर दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर