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नई दिल्ली, 08 सितंबर (हि.स.)। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के बोर्ड की इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन होने वाली बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। 12 सितंबर को होने वाली सेबी की इस बैठक में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने पर पूरा फोकस होगा। इसके साथ ही पहले से चर्चा में रहे कई प्रस्तावों को भी इस बैठक में स्वीकार किया जा सकता है।
सेबी की बैठक में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आईएनवीआईटी) को इक्विटी का दर्जा देने के मुद्दे पर बोर्ड की बैठक में चर्चा की जा सकती है। बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और रियल स्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट के नियम को भी बोर्ड मंजूर कर सकता है। इसके साथ ही टर्नओवर के आधार पर रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन डिस्क्लोजर का नियम भी लाया जा सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के कामकाज का दायरा बढ़ाने के नियम को भी बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिल सकती है। बताया जा रहा है कि बोर्ड की बैठक में स्टॉक ब्रोकर रेगुलेशन में बदलाव के प्रस्ताव को भी रखा जा सकता है। इसके साथ ही शुक्रवार होने वाली बैठक में रजिस्ट्रार एंड शेयर ट्रांसफर एजेंट रेगुलेशन की समीक्षा भी की जा सकती है।
दावा किया जा रहा है कि बोर्ड की बैठक में बड़े आईपीओ में कम हिस्सेदारी बेचने पर छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा आईपीओ में एंकर इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार किया जा सकता है। ऐसा होने पर 250 से 500 करोड़ रुपये के इश्यू में एंकर इन्वेस्टर्स की संख्या बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि एंकर इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी मौजूदा 33 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत तक हो सकती है। एंकर इन्वेस्टर्स में इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स के लिए भी 7 प्रतिशत का कोटा तय किया जा सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक