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मंडी, 08 सितंबर (हि.स.)। आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने अपने फ्लैगशिप वार्षिक प्रबंधन सम्मेलन, एआईएक्ससीलरेट 3.0 का सफलतापूर्वक आयोजन अपने परिसर में किया। इस दो-दिवसीय सम्मेलन का विषय था डिजिटल युग में नवाचार और नेतृत्व को प्रज्वलित करना। इस सम्मेलन में उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों और छात्रों ने एक साथ आकर चर्चा की कि कैसे आज के व्यवसाय अभ्यास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई को अपनाने के साथ विकसित हो रहे हैं।
इस सम्मेलन का उद्देश्य व्यापारिक नेताओं और प्रबंधकों को विकसित करना और पोषित करना था जो देश की नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। इस सम्मेलन में छात्रों के लिए उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के साथ सीधे जुड़ने का एक अनोखा अवसर था। सत्रों में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि कैसे प्रमुख प्रबंधन कार्य जैसे कि विपणन, मानव संसाधन प्रबंधन, संचालन, रणनीतिक प्रबंधन, वित्त और उद्यमिता डिजिटल परिवर्तन के युग में विकसित हो रहे हैं।
कार्यक्रम में दस प्रसिद्ध उद्योग विशेषज्ञों ने वक्ता के रूप में भाग लिया, जिन्होंने विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा किए। प्रतिभागियों में शीव कुमार, चीफ डेटा और एनालिटिक्स ऑफिसर - एल'ओरियल इंडिया; मनीष पुरवार, ग्लोबल आईटी हेड, जीई हेल्थकेयर; लोकेश शर्मा, स्ट्रैटेजिक अकाउंट डायरेक्टर, सेल्सफोर्स; अभिजीत शाह, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट; राम श्रीनिवासन, एसवीपी, ग्लोबल प्रैक्टिस लीडर, एडवाइजरी सर्विसेज एसेन्शियन; डॉ. ऋषि भटनागर, को-फाउंडर इंडिया और ग्लोबल सीटीओ, एए2आईटी; स्वप्निल तांबी, हेड ऑफ इंडिया एआई हब, बीएनवाई; रितेश अग्रवाल, ग्रुप सीएफओ, पॉवरिका लिमिटेड; निखिल भूषण, सीटीओ, स्टारबक्स इंडिया; और सोमजीत अमृत, सीईओ आईहब और एचसीआई फाउंडेशन, आईआईटी मंडी शामिल थे।
प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा निदेशक आईआईटी मंडी ने स्कूल ऑफ मैनेजमेंट को एक्सेलरेट 3.0 के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति और नवाचार को प्रोत्साहित किया। समापन सत्र में बोलते हुए आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के अध्यक्ष प्रो. अंजन कुमार स्वैन ने कहा कि एआईएक्ससीलरेट 3.0 ने दिखाया कि कैसे एआई व्यावसायिक रणनीतियों को नया रूप दे रहा है और पारदर्शिता, विश्वास और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए नेताओं की जिम्मेदारी को रेखांकित किया। ये बातचीत भविष्य के नेताओं को एआई को जिम्मेदारी से अपनाने और लोगों को सशक्त बनाने, समुदायों का उत्थान करने और देश की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने वाले संस्थानों का निर्माण करने में मार्गदर्शन करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा